पथसंचलन के खिलाफ अब हाईकोर्ट में याचिका

Petition against High Court now in High Court
पथसंचलन के खिलाफ अब हाईकोर्ट में याचिका
पथसंचलन के खिलाफ अब हाईकोर्ट में याचिका

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वर्ष 2018 में किए गए पथसंचलन में पुलिस की अनुमति नहीं होने के बावजूद हाथ में लाठी लेकर पथसंचलन किया गया था। इसके खिलाफ मोहनीश जबलपुरे ने मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ में फौजदारी रिट याचिका दायर की है। इस प्रकरण में जांच के लिए पुलिस आयुक्त को निर्देश देने की मांग भी याचिका में की गई। 

26 मई 2018 को पुलिस उपायुक्त ने आरएसएस के पथसंचलन को विशिष्ट शर्तों के साथ अनुमति दी थी। शर्त में कार्यक्रम में लाठी, घातक शस्त्र, ज्वलनशील पदार्थ व विस्फोटक इस्तेमाल नहीं करने, शस्त्रों का प्रदर्शन नहीं करने, आतिशबाजी नहीं करने आदि शर्ते शामिल थी। शर्तों का उल्लंघन करने पर कार्यक्रम में शामिल प्रत्येक सदस्य पर कानून अनुसार कार्रवाई करने की बात भी अनुमति में लिखी गई थी। इसके बावजूद संघ ने 28 मई 18 को सार्वजनिक तौर पर लाठी सहित पथसंचलन किया। याचिकाकर्ता मोहनीश जबलपुरे ने कहा कि संघ का यह कृत समाज में दहशत निर्माण करने वाला है। जिस कारण दोषियों पर एफआईआर दर्ज करें। जबलपुरे ने इस संबंध में 28 मई 2018 को पुलिस थाने में शिकायत भी की थी। उस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

 फलत: उन्होंने प्रथम श्रेणी न्याय दंडाधिकारी न्यायालय में शिकायत की थी। इस शिकायत को 12 अक्टूबर 2018 को खारिज कर दिया गया था। इसके खिलाफ उन्होंने सत्र न्यायालय में रिवीजन पिटीशन 6 मई 2019 को खारिज किया गया।  जिसके चलते अब जबलपुरे ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। उक्त याचिका में सरसंघचालक मोहन भागवत, पथसंचलन व्यवस्था प्रमुख अनिल भोकारे, पुलिस आयुक्त, विशेष शाखा पुलिस उपायुक्त व कोतवाली पुलिस निरीक्षक को प्रतिवादी बनाया गया है। याचिका पर दिवाली की छुट्टियों के बाद सुनवाई होगी। 

Created On :   16 Nov 2020 8:29 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story