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बैगर राशन कार्ड वालों को अनाज देने दायर हुई है याचिका

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा है कि क्या वह लॉक डाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों, घुमंतू आदिवासियों व जरूरतमंदों को अनाज देने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से अतिरिक्त अनाज लेगी। ताकि बिना राशनकॉर्ड वाले गरीबों को भी अनाज दिया जा सके। हाईकोर्ट में पुणे निवासी वनीता चव्हाण की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मांग की गई है कि बिना राशन कार्ड वाले जरुरतमंद लोगों को भी अनाज दिया जाए। क्योंकि लॉकडाउन के चलते अलग अलग जगहों के मजदूर व घुमंतू आदिवासी जगह- जगह फंसे हुए हैं।
याचिका में दावा किया गया है कि राज्य की सरकारी राशन की दुकानों में सही ढंग से अनाज का वितरण नहीं हो रहा है। फिलहाल उन्ही को अनाज का वितरण किया जा रहा है जो खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आते हैं और जिनके पास राशन कार्ड है। न्यायमूर्ति एस सी गुप्ते के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट को बताया गया की राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के उन निर्देशों पर अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है जिसके तहत राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को अपनी जरूरत के हिसाब से अनाज के कोटे में बढ़ोतरी करने की छूट दी गई है।
राज्य सरकारों को यह सहूलियत ओपन मार्केट सेल स्कीम के तहत दी गई है। इस बात को जानने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि क्या राज्य सरकार केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत उपलब्ध अतिरिक्त अनाज को एफसीआई से लेगी? जिससे यह अनाज मजदूरों व घुमन्तू आदिवासियों को भी उपलब्ध कराया जा सके। कोरोना के चलते घोषित लॉकडाउन के कारण लोगों को असमान्य परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है। लिहाजा इस विषय पर महाराष्ट्र सरकार से निर्णय लेना आपेक्षित है। हाईकोर्ट ने फिलहाल मामले की सुनवाई 12 मई तक के लिए स्थगित कर दी है और राज्य सरकार को हपलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है।
Created On :   11 May 2020 5:20 PM IST