तीन तलाक को लेकर जारी अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिका हुई खारिज

Petition has been rejected against ordinance on three divorce
तीन तलाक को लेकर जारी अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिका हुई खारिज
तीन तलाक को लेकर जारी अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिका हुई खारिज

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने तीन तलाक को दंडनीय बनाए जाने के पहलू को लेकर केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए अध्यादेश के खिलाफ दायर याचिका दायर को खारिज कर दिया है। केंद्र सरकार के इस अध्यदेश को मनमानी व अतार्किक होने का दावा करते हुए पूर्व नगरसेवक मसूद अंसारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी। सोमवार को यह याचिका जस्टिस भूषण गवई की बेंच के सामने सुनवाई के लिए आयी। 

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पैरवी कर रहे वकील अद्वेत्य सेठना ने कहा कि इस विषय पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका पहले से प्रलंबित है। जिस याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है उसी ने सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की है। इसलिए हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करने का कोई औचित्य नहीं है। इस बात को जानने के बाद बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया।

पिछले दिनों राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तीन तलाक से जुड़े अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर उसे मंजूरी प्रदान की थी। तब से तीन तलाक को अमान्य, अवैध व अपराध की श्रेणी में ला दिया गया है। और तीन तालक के जरिए विवाह को खत्म करनेवाले पति के लिए तीन साल की सजा प्रावधान किया गया है।  याचिका में मुख्य रुप से अध्यादेश के उन प्रावधानों पर रोक लगाने की मांग की गई है जो तीन तलाक को अपराध की श्रेणी में लाते है।

याचिका के अनुसार इस ध्यादेश के जरिए खास तौर से मुस्लिम धर्म के पुरुषों को निशाना बनाया गया है। यह  उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। यह अध्यादेश भय का माहौल निर्मित करता है। इसलिए अतंरिम राहत के रुप में इस अध्यादेश पर रोक लगाई जाए। 

 

Created On :   1 Oct 2018 2:46 PM GMT

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