महाराष्ट्र सदन घोटाले में भुजबल को आरोप मुक्त करने याचिका 

Petition to discharge Bhujbal in Maharashtra Sadan scam
 महाराष्ट्र सदन घोटाले में भुजबल को आरोप मुक्त करने याचिका 
न्यायमूर्ति नाईक ने किया किनारा    महाराष्ट्र सदन घोटाले में भुजबल को आरोप मुक्त करने याचिका 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पीडी नाईक ने महाराष्ट्र सदन घोटाले के मामले से राज्य के पूर्व मंत्री छगन भुजबल को आरोपमुक्त किए जाने के फैसले के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता अंजली दमानिया की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। पिछले साल मुंबई की विशेष अदालत ने इस मामले से भुजबल को आरोपमुक्त कर दिया था।   विशेष अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया था कि उसे इस मामले में भुजबल के खिलाफ भ्रष्टाचार व अनियमितता के आरोपों को लेकर सबूत नजर नहीं आ रहे हैं। विशेष अदालत के इस फैसले को अब दमानिया ने हाईकोर्ट में अपील स्वरुप याचिका दायर कर चुनौती दी है।

शुक्रवार को जब यह मामला न्यायमूर्ति नाईक के सामने सुनवाई के लिए आया तो उन्होंने खुद को मामले की सुनवाई से दूर कर लिया। यह जानकारी देते हुए अंजली दमानिया ने बताया कि अब उनके वकील दूसरे न्यायमूर्ति के सामने सुनवाई के लिए आग्रह करेंगे।  आवेदन में दमानिया ने मांग की है कि  भुजबल को इस प्रकरण से आरोपमुक्त करने के विशेष अदालत के फैसले को रद्द किया जाए और शीघ्रता से कोर्ट को इस मामले के मुकदमे की सुनवाई को पूरा करने का निर्देश दिया जाए। अगस्त 2021 में विशेष अदालत ने इस मामले में भुजबल को आरोप मुक्त किया था।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने इस मामले की जांच की थी। सामाजिक कार्यकर्ता दमानिया ने अपने अपील स्वरुप आवेदन में कहा है कि चूंकि राज्य सरकार इस मामले में कोई कदम उठाने में विफल रही है, इसलिए उन्हें मजबूरन हाईकोर्ट में अपील करनी पड़ी है।    आवेदन में दमानिया ने कहा है कि यह भ्रष्टाचार का बड़ा मामला है। हाईकोर्ट ने भी अतीत में इस मामले को लेकर चिंता व्यक्त की थी और जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया था। आवेदन में दमानिया ने दावा किया है कि भुजबल जब सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री थे तो उन्होंने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर अपने पद का दुरुपयोग किया। जिससे सरकारी खजाने को बड़ी चपत लगी थी। महाराष्ट्र सदन के लिए निजी बिल्डर को नियुक्त किया गया था। इसके एवज में भुजबल के परिवार के लोगों को उपकृत किया गया था।  साल 2015 में इस मामले को लेकर भुजबल व 16 अन्य लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। 
 

Created On :   6 Aug 2022 7:07 PM IST

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