पेट्रोल पंप के शौचालय को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, मुंबई मनपा के नोटिस पर रोक

Petrol pump toilets can not be made public- Bombay high court
पेट्रोल पंप के शौचालय को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, मुंबई मनपा के नोटिस पर रोक
पेट्रोल पंप के शौचालय को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता, मुंबई मनपा के नोटिस पर रोक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने पेट्रोल पंप के शौचालय को सार्वजनिक शौचालय घोषित करने के मुंबई महानगर पालिका के निर्णय को प्रथम दृष्टया अवैध माना है और इस संबंध में मनपा की ओर से पेट्रोल पंप मालिकों को जारी की गई नोटिस पर रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति अभय ओक व न्यायमूर्ति रियाज छागला की बेंच ने मुंबई मनपा को महानगर के 12 पेट्रोल पंप के शौचालय में लगाए गए सार्वजनिक शौचालय के साइन बोर्ड को तीन हफ्ते में हटाने का निर्देश दिया है। बेंच ने यह निर्देश 12 पेट्रोल पंप मालिकों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया। इस दौरान बेंच ने स्पष्ट किया कि पेट्रोल पंप में बने शौचालय में यह स्पष्ट तौर पर लिखा जाए कि आपात स्थिति में कोई भी इसका इस्तेमाल कर सकता है।

पेट्रोल पंप मालिको को नोटिस
मुंबई महानगर पालिका ने स्वच्छ भारत अभियान के तहत पेट्रोल पंप मालिको को नोटिस जारी कर वहां पर बने शौचालय को सार्वजनिक शौचालय का बोर्ड लगाने का कहा था। पेट्रोल पंप मालिकों ने इसका विरोध किया और मनपा के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में दावा किया गया था कि पेट्रोल पंप के शौचालय को सार्वजनिक शौचालय बनाने पर खतरे की स्थिति पैदा हो सकती है। क्योंकि वहां आनेवाले लोग सिगरेट का भी इस्तेमाल कर सकते है। इसके अलावा स्वच्छ भारत के तहत बनाए गए दिशा-निर्देश भी मुंबई महानगरपालिका को पेट्रोलपंप को सार्वजनिक शौचालय घोषित करने का अधिकार नहीं देते है।

23 अप्रैल तक अगली सुनवाई
मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद बेंच ने कहा कि प्रथम दृष्टया हमें मुंबई मनपा की ओर इस मामले को लेकर जारी की गई नोटिस अवैध नजर आ रही है। इसलिए 12 पेट्रोल पंप के शौचालय में लगाए गए सार्वजनिक शौचालय के साइन बोर्ड को हटाने का निर्देश दिया जाता है। बेंच ने फिलहाल याचिका को विचारार्थ मंजूर कर लिया है और मामले की सुनवाई 23 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दी है।

Created On :   7 March 2018 8:25 PM IST

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