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नहीं मिला समय पर उपचार, फार्मासिस्ट ने जिप की दहलीज पर दम तोड़ा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत फार्मासिस्ट प्रकाश ठाकरे को दिल का दौरा पड़ा और उन्होंने जिला परिषद की दहलीज पर ही दम तोड़ दिया। मेडिकल बिल के लिए ठाकरे जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय आए थे। कार्यालय के ठीक सामने सीढ़ी पर बैठकर पानी पीने के बाद अचानक उन्हें दिल का दौरा पड़ा। जगह पर ही उनकी मृत्यु हो गई।
जानकारी के अनुसार मृतक भिवापुर तहसील के जवली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत थे। सूत्रों के अनुसार ठाकरे का 4 साल से मेडिकल बिल लंबित है। उसी के लिए जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के चक्कर काट रहे थे। जिला परिषद वे उसी काम से आए थे। जिस काम से आए, वह काम नहीं होने से निराश होकर कार्यालय के सामने सीढ़ी पर बैठ गए और बैग से बोतल निकाल कर पानी पी रहे थे। इसी समय उन्हें हिचकी लगी और गश खाकर वहीं गिर पड़े। यह खबर जिला परिषद में फैल गई। विविध विभागों के कर्मचारियों सहित जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिलिंद गणवीर भी वहां पहुंचे, लेकिन उनके पहुंचने तक प्रकाश ठाकरे की मृत्यु हो चुकी थी। पुलिस नियंत्रण कक्ष को सूचित किया गया। पुलिस ने घटनास्थल पहुंचकर पंचनामा किया और शव पोस्टमार्टम के लिए शासकीय मेडिकल अस्पताल भेजा। सदर पुलिस थाने में आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया है।
दीया तले अंधेरा
जिले के ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा की कमान संभाल रहे जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के सामने विभाग के कर्मचारी ने दम तोड़ने से "दीया तले अंधेरा" कहावत चरितार्थ हो गई। जिस कर्मचारी ने अपने जीवन का अमूल्य समय स्वास्थ्य विभाग को दिया, उसे दिल का दौरा पड़ने पर अपने ही मुख्यालय में उसे समय पर उपचार नहीं मिल पाया। जब तक एम्बुलेंस पहुंची, तब तक काफी देर हो चुकी थी। जिला परिषद के 13 विभागों में सैकड़ों अधिकारी, कर्मचारी कार्यरत हैं। ग्रामीण क्षेत्र से रोज सैकड़ों कर्मचारी काम से जिला परिषद आते हैं। बरसों पहले जिप का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बंद कर दिया गया। जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय है, लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं है। किसी की तबीयत खराब होने पर उपचार के लिए बाहर ले जाने के सिवा कोई विकल्प नहीं है। ठाकरे की तबीयत खराब होने पर भी यही हुआ। यदि समय पर उपचार मिलता, तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी।
अपमान से हुआ हृदयाघात
जिप के स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अधिकारी द्वारा अपमानित किए जाने से ठाकरे को हृदयाघात होने का आरोप महाराष्ट्र राज्य कास्ट्राइब कर्मचारी कल्याण महासंघ ने लगाया है। महासंघ का कहना है कि, ठाकरे का मेडिकल बिल लंबित था। इसे पास कराने के लिए भ्रष्ट अधिकारी उसे बार-बार चक्कर लगवा रहा था। मेडिकल अधिकारी और प्रशासकीय अधिकारी ने उन्हें अपमानित कर खदेड़ दिया। निराश होकर कार्यालय के बाहर जाकर सीढ़ियों पर बैठ गए। इसी सदमे के चलते उन्हें अटैक आया और उन्होंने दम तोड़ दिया। उन्हें अपमानित करने वालों पर हत्या का मामला दर्ज करने की मांग महासंघ के केंद्रीय अध्यक्ष अरुण गाड़े, उपाध्यक्ष भैयासाहब शेलारे, सिद्धार्थ उके, जिलाध्यक्ष अशोक पाटील ने की है।
प्रकाश ठाकरे जवली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बतौर फार्मासिस्ट कार्यरत थे। कार्यालय में आने से पहले ही जिप परिसर में दम तोड़ दिया। जिला परिषद में किसी काम से आए थे, पता नहीं चला। - डॉ. मिलिंद गणवीर, प्रभारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी
Created On :   14 Nov 2018 1:31 PM IST