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नए नियम से पीएचडी अभ्यर्थियों को मिली राहत

डिजिटल डेस्क, नागपुर । राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने पीएचडी अभ्यर्थियों को एक और राहत दी है। पीएचडी सुपरवाइजर की कमी दूर करने के लिए नागपुर यूनिवर्सिटी ने एक नया नियम लागू किया है। यदि किसी मान्यता प्राप्त पीएचडी सुपरवाइजर के कॉलेज को रिसर्च सेंटर का दर्जा नहीं है, तो भी ऐसे सुपरवाइजर नागपुर विश्वविद्यालय के पोस्ट ग्रेजुएट विभाग में स्वयं का पंजीयन कर अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन कर सकेंगे। यदि विश्वविद्यालय के पास उस विषय का पोस्ट ग्रेजुएट विभाग नहीं है, तो ऐसे सुपरवाइजर किसी दूसरे रिसर्च सेंटर, जहां उस विषय का पीजी विभाग हो, वहां जाकर भी अपनी सेवाएं दे सकेंगे।
नागपुर यूनिवर्सिटी ने हाल ही में नियमावली स्पष्ट की है। इसके तहत प्रोफेसर स्तर के सुपरवाइजर को 8 पीएचडी अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन करने की अनुमति है। इसी तरह असोसिएट प्रोफेसर को 6 और असिस्टेंट प्रोफेसर को 4 अभ्यर्थियों का मार्गदर्शन करने की अनुमति दी गई है। विवि द्वारा मान्यता प्राप्त पूर्णकालीन पोस्ट ग्रेजुएट पीएचडी डिग्री धारी शिक्षक, जिसे कम से कम 5 वर्ष का अनुभव और 5 रिसर्च पेपर प्रकाशित हुए हो। निजी या सरकारी रिसर्च संस्था में बतौर साइंटिस्ट काम कर रहे व्यक्ति जिनके पास पीएचडी डिग्री है। यदि पीएचडी सुपरवाइजर सेवानिवृत्त के बाद भी अभ्यर्थी की पीएचडी पूरी होने तक उनका दर्जा कायम रहेगा।
Created On :   28 April 2021 3:44 PM IST