यूनिवर्सिटी की Ph.D प्रक्रिया विवादों में, शोधार्थियों की बढ़ी मुसीबतें

यूनिवर्सिटी की Ph.D प्रक्रिया विवादों में, शोधार्थियों की बढ़ी मुसीबतें
यूनिवर्सिटी की Ph.D प्रक्रिया विवादों में, शोधार्थियों की बढ़ी मुसीबतें

डिजिटल डेस्क,नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की इस वर्ष की पीएचडी प्रक्रिया विवादों में है। हाल ही में ‘दैनिक भास्कर’ ने इस बात का खुलासा किया था किस किस तरह  यूनिवर्सिटी के पोर्टल पर सेवानिवृत्त और दिवंगत शिक्षक गाइड के तौर पर उपलब्ध हैं। यूनिवर्सिटी की एक और शर्त ने शोधार्थियों की मुसीबत बढ़ा रखी है और इसी कारण गाइड की जिम्मेदारी निभा रहे शिक्षकों में आक्रोश है। 

नई शर्त ने बढ़ाई परेशानी
दरअसल यूनिवर्सिटी ने पीएचडी की अधिसूचना में एक शर्त जोड़ दी है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि, अगर कोई शिक्षक पीएचडी का गाइड बनना चाहता है, तो उसके रिटायरमेंट को तीन वर्ष से कम का समय नहीं होना चाहिए, अगर शिक्षक के रिटायरमेंट में तीन साल से कम समय बचा है, तो उसे गाइड बनने की अनुमति नहीं मिलेगी। साथ यूनिवर्सिटी ने गाइड के सामने एक और शर्त रखी है। दरअसल नागपुर विश्वविद्यालय में पहले ही गाइड्स की कमी है। नई शर्तों के मुताबिक रिसर्च सेंटर और गाइड, एक ही केंद्र से होने चाहिए। अब तीन साल वाली शर्त थोंप देने से शोधार्थियों को गाइड उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की अंतिम तारीख 16 अप्रैल है। गाइड नहीं मिलने, अनाप-शनाप शर्तों के कारण रजिस्ट्रेशन का मौका चूकने का डर अभ्यर्थियों को सता रहा है। गुरुवार को अभ्यर्थियों के  प्रतिनिधिमंडल ने यूनिवर्सिटी के कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थविनायक काणे से मिल कर उनकी समस्या का समाधान करने की अपील की है। अपने यहां होने वाली पीएच.डी की गुणवत्ता बढ़ाने के लिहाज से कई अहम बदलाव किए हैं, लेकिन यूनिवर्सिटी के ऐसे ही कुछ फैसले उलटे पड़ गए हैं। इधर यूनिवर्सिटी ने पीएचडी प्रक्रिया को हाईटेक बनाने के उद्देश्य से जो वेबपोर्टल शुरू किया है। रजिस्ट्रेशन से लेकर, रिसर्च सेंटर की वैकेंसी, गाइड की उपलब्धता जैसी जानकारियां उपलब्ध कराई गई हैं, लेकिन  इस पोर्टल पर यूनिवर्सिटी ऐसे-ऐसे गाइड की उपलब्धता दर्शा रहा है, जो सालों पहले यूनिवर्सिटी से रिटायर हो चुके हैं या उनका निधन हो चुका है। इन तमाम परिस्थितियों के बीच यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने का सपना सिर्फ सपना बनकर न रह जाए, यह चिंता विद्यार्थियों को सता रही है। 

Created On :   13 April 2018 10:31 AM GMT

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