बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग, PHE विभाग नहीं बना पाया कार्य योजना

PHE department not found any scheme for drinking water
बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग, PHE विभाग नहीं बना पाया कार्य योजना
बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोग, PHE विभाग नहीं बना पाया कार्य योजना

डिजिटल डेस्क छतरपुर । लवकुशनगर, चंदला, नौगांव सहित जिले के अन्य ब्लॉकों के कई गांवों में अप्रैल माह में ही भीषण जल संकट व्याप्त हो गया है। जल संकट की समस्या कोई पहली बार नहीं आई है। पिछले साल भी जिले के दर्जनों गांवों के लोग पीने के पानी के लिए व्याकुल हो उठे थे, लेकिन अभी तक जल संकट से निपटने के लिए इन गांवों में कोई ठोस कार्ययोजना नहीं बनाई जा सकी है। जिन गांवों में जल संकट बना हुआ है, उन गांवों में लगे सरकारी हैंडपंप पानी की जगह हवा उगल रहे हैं। ऐसे में सब से बड़ा सवाल ये उठ रहा है कि अप्रैल माह मेेंं जब पानी की इतनी भीषण समस्या है तो मई और जून माह में क्या स्थिति बनेगी आसानी से समझा जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता कराने वाले पीएचई विभाग के अधिकारियों की मानें तो जिले में अभी किसी भी गांव में पानी की समस्या नहीं है।
गंभीर नहीं है विभाग
जिले के ज्यादातर गांवों में गर्मी के मौसम में जल संकट उत्पन्न हो जाता है, सब कुछ जानते हुए भी विभाग के अधिकारी पहले से कार्ययोजना तैयार नहीं करते हैं। विभाग के अधिकारियों की माने तो पूरे जिले में अभी ऐसी स्थिती नहीं है, जहां पर टैंकर से पानी पहुंचाया जा सके। विभाग के अधिकारी अपने बचाव में भले ही कुछ कहें, लेकिन हकीकत उनके कहने के अनुरूप बिलकुल विपरीत है।
54 नल जल योजनाएं बंद
छतरपुर जिले में कहने के लिए तो 347 नल जल योजनाएं संचालित हो रही हैं, लेकिन इन नल जल योजनाओं में से 54 योजनाएं बंद पड़ी हैं, जो नल जल योजनाएं चालू भी हैं, उनका बुरा हाल है। कहीं पर विद्युत पंप का बिल जमा नहीं हुआ तो कही पर पाइप लाइन टूटी पड़ी है। बंद पड़ी नल जल योजनाओं को कब तक चालू किया जाएगा इस बारे में विभाग के अधिकारी कुछ भी कहने को तैयार नहीं हैं। कुछ जगहों पर टंकियां क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। इस कारण लोगों को पानी नहीं पहुंच रहा है।
दो सौ से अधिक हैंडपंप खराब
जिले के गांवों में पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए पीएचई विभाग द्वारा 10 हजार से अधिक हैंडपंप करवाएं गए हैं। इन हैंडपंपों में से करीब दो सौ हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं, जो हैंडपंप खराब हो चुके हैं, उन्हें सुधारने के लिए विभाग के पास फुरसत नहीं है। हैंडपंपों के सुधार कार्य कराने के लिए प्रति दिन बड़ी संख्या में विभाग के पास शिकायतें पहुंचती हैं, लेकिन समय पर हैंडपंपों का सुधार कार्य नहीं हो पाता है।
हवा उगल रहे हैंडपंप
सूखे की वजह से जमीनी जलस्रोत दिन-ब-दिन सूखते जा रहे हैं। यही कारण है कि जिले के गांवों में लगे कई हैंडपंप पानी की जगह हवा उगल रहे हैं। पूरे जिले में 318 हैंडपंप ऐसे हैं, जिनमें पिछले फरवरी माह से ही पानी नहीं निकल रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है, कि सूखे हैंडपंपों में पाइप लाइन बढ़ाए जाने के बाद भी पानी नहीं मिल रहा है। भू-जलस्तर नीचे गिरने के चलते ये सभी हैंडपंप पानी की जगह हवा उगल रहे हैं।
इनका कहना है
व्पूरे जिले में 3 सौ 47 नल जल योजनाएं हैं, ये बात सही है कि 54 योजनाएं अभी बंद हैं। वर्तमान में किसी भी गांव में पीने के पानी की समस्या नहीं है। जहां भी समस्या उत्पन्न होगी, वहां पर दूसरे माध्यमों से पानी पहुंचाया जाएगा।
एसके जैन, कार्यपालन यंत्री पीएचई

 

Created On :   6 April 2018 1:47 PM IST

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