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पायलट प्रोजेक्ट के बुरे हाल, राज्य भर से मिले मात्र 2 हजार आवेदन
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बीते शनिवर को ऊर्जामंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने "सौर कृषि प्रश्न-मार्गदर्शक पुस्तिका" विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मार्च के अंत तक कम से कम 50 हजार सौर कृषि पंप खासकर आदिवासी भागों में दिए जाएं। वहीं किसान सौर कृषिपंप लेने को लेकर इच्छुक नहीं है। 22 जनवरी तक पूरे प्रदेश से 2 हजार 190 आवेदन ही प्राप्त हुए हैं। किसानों का इस पर आकर्षित न होने का मुख्य कारण है उसे भुगतान करने वाली राशि। ऐसे तो योजना के तहत किसान को सौर पंप की कुल लागत का मात्र 5 प्रतिशत ही है, परंतु सौर पंप की कीमत 4 लाख से 7 लाख के मध्य है। किसान को अपने हिस्से के भुगतान के की राशि ही 20 से 35 हजार के मध्य है। इतनी बड़ी राशि किसान को जमाना मुश्किल ही नहीं असंभव लगता है।
शुरूआत से ही लक्ष्य से दूर
गौरतलब है कि पिछले साल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 10 हजार सौर कृषिपंप देने तथा इसका प्रतिसाद देखने का लक्ष्य रखा गया था। तब ब-मुश्किल 7 हजार पंप ही वितरित हो सके थे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मार्गदर्शिका के विमोचन के अवसर पर प्रधान सचिव ऊर्जा अरविंदसिंह, महावितरण के अध्यक्ष संजीवकुमार भी मौजूद थे। ऊर्जामंत्री ने इस अवसर पर जिलापरिषद अध्यक्ष व स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी निर्देश दिए कि वे योजना के क्रियान्वयन के लिए किसानों से स्वयं जाकर मिलें और उन्हें इसके लिए प्रेरित करें।
बड़े व धनवान किसानों की योजना
किसान नेता व कृषि विशेषज्ञ विजय वरफडे ने कहा कि किसान को सौर पंप में अधिक रुचि नहीं है। खासकर छोटे किसानों में। कर्ज़ और फसल बर्बादी से हताश किसान इतनी बड़ी रकम कहां से इकट्ठा करेगा। यह बड़े व धनवान किसानों के लिए लाई गई योजना लगती है। छोटे किसान के पास अपने बच्चे को खिलाने पैसे नहीं तो वह 20 से 46 हजार रुपए का इंतजाम कहां से करेगा।
Created On :   28 Jan 2019 1:34 PM IST