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विदर्भ आंदोलन से पीके और देशमुख का संबंध नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वतंत्र विदर्भ राज्य आंदोलन को लेकर हाल में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने नागपुर में कुछ लोगों से बात की थी। विदर्भ आंदोलन को किस तरह से नए ढंग से आगे बढ़ाया जाए, इसे लेकर उन्होंने जल्द नई रणनीति बनाने की घोषणा की है। पूर्व विधायक आशीष देशमुख के बुलावे पर वे नागपुर आए थे, जिसके बाद विदर्भवादियों में इसे लेकर नई चर्चा छिड़ गई थी। इधर विदर्भ आंदोलन से जुड़े नेताओं ने प्रशांत किशोर और आशीष देशमुख से दूरी बना ली है। विदर्भ राज्य आंदोलन समिति के अध्यक्ष एड. वामनराव चटप, अर्थशास्त्री डॉ. श्रीनिवास खांदेवाले सहित अन्य नेताओं ने साफ कहा कि, प्रशांत किशोर और आशीष देशमुख का इस आंदोलन से कोई संबंध नहीं है। मिशन-2023 को ध्यान में रखते हुए इस तरह की लड़ाई लड़ी जाएगी कि, विदर्भ राज्य नई पीढ़ी के हाथ में होगा।
स्वतंत्र विदर्भ के िलए फिर केंद्र से मांग करेंगे : हाल में राज्य सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में विदर्भ वैधानिक विकास मंडल काे पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया है। इस निर्णय का विदर्भ राज्य आंदोलन समिति ने विरोध करते हुए स्वतंत्र विदर्भ राज्य देने की मांग की है। समिति के अध्यक्ष एड. चटप ने कहा कि, स्वतंत्र विदर्भ राज्य के लिए राज्य सरकार के जरिये केंद्र सरकार से फिर मांग की जाएगी। समिति ने कहा कि, नागपुर करार का उल्लंघन हुआ है। वादे अधूरे हैं। विदर्भ महाराष्ट्र में 100 साल भी रहा, तो विदर्भ का सिंचाई और अन्य क्षेत्र का कुल 75 हजार करोड़ का अनुशेष कभी दूर नहीं हो सकता है, इसलिए विदर्भ वैधानिक विकास मंडल नहीं, विदर्भ का स्वतंत्र राज्य ही एकमात्र रास्ता है। विदर्भ राज्य आंदोलन तेज करने के लिए 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के दिन महात्मा गांधी के पुतले सहित महात्मा फुले, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर, सुभाषचंद्र बोस, राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज, गाडगे महाराज के पुतले के सामने कार्यकर्ता आत्मक्लेश आंदोलन करेंगे।
Created On :   30 Sept 2022 4:01 PM IST