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ग्रीष्मकालीन परीक्षा के पेपर में समस्याओं का अंबार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय की ग्रीष्मकालीन परीक्षा जारी है। जिसमें विद्यार्थियों की कई शिकायतें सामने आ रही हैं। विद्यार्थियों के अनुसार विश्वविद्यालय द्वारा प्रश्नपत्र इतनी बुरी तरह तैयार किए गए हैं कि, उन्हें परीक्षा को लेकर कई तरह की चिंताएं घेर रही हैं।
चिंता : कहीं ये गलतियां भारी न पड़ जाएं
जानकारी के अनुसार परीक्षा में कई ऐसे प्रश्न पूछे जा रहे हैं, जो पाठ्यक्रम के बाहर के हैं। मुख्य रूप से यह समस्या एलएलएम के पेपर में देखने को मिली, जिसमें कई पाठ्यक्रम के बाहर के प्रश्न होने के साथ ही एक प्रश्न के चारों विकल्प एक जैसे ही थे। इसी पाठ्यक्रम के एक अन्य पेपर के एक प्रश्न में दो विकल्प एक जैसे थे। इतनी बुरी तरह तैयार किए गए प्रश्नपत्र को देख कर विद्यार्थी चिंता मंे हैं कि, कहीं विश्वविद्यालय की ये गलतियां विद्यार्थियों पर भारी ना पड़ जाएं।
कोई ठोस प्रणाली नहीं
गौरतलब है कि, विश्वविद्यालय की ग्रीष्मकालीन परीक्षा बड़े ही अव्यवस्थित और अनियंत्रित ढंग से चल रही है। पहले आॅनलाइन-ऑफलाइन के संभ्रम में परीक्षा लेने में 2 माह की देरी हुई। जब ऑफलाइन एमसीक्यू पेपर लेने का तय हुआ, तो विश्वविद्यालय के पास कोई प्रश्नबैंक और पेपर सेट ही नहीं थे। आनन-फानन में विषय शिक्षकों से प्रश्नपत्र तैयार करवाए गए। शिक्षकों ने भी हड़बड़ी में प्रश्नपत्र तैयार किए। इन प्रश्नपत्रों में अनेक त्रुटियां हैं, जिसे जांचने के लिए विश्वविद्यालय के पास कोई ठोस प्रणाली नहीं है। कुछ प्रश्नपत्रों में तो सीधे गूगल ट्रांसलेट की मदद से हिंदी और मराठी अनुवाद देखने को मिला।
प्रश्नों का अर्थ निकालना भी संभव नहीं
प्रश्नों की रचना इतनी गलत है कि, हल करना तो दूर, अर्थ निकालना ही संभव नहीं है। वहीं दूसरी ओर विवि ने कॉलेजों को आदेश दिया कि, वे विद्यार्थियों को प्रश्नबैंक उपलब्ध कराएं। विद्यार्थियों को इससे यह उम्मीद बंधी कि, प्रश्नबैंक में से ही प्रश्न पूछे जाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। कॉलेज शिक्षक द्वारा दिए गए प्रश्नबैंक में से कोई भी प्रश्न परीक्षा में नहीं आया। इधर विवि अधिकारियों का दावा है कि, प्रश्नबैंक केवल विद्यार्थियों को प्रश्नों का प्रारूप समझने के लिए दिए गए हैं, इनमें से प्रश्न आएंगे ही, इसकी कोई निश्चितता नहीं है।
Created On :   21 Jun 2022 7:07 PM IST