गुजरात को सौगात: आज से हजीरा-घोघा रो-पैक्स फेरी सर्विस शुरु, PM मोदी बोले- वर्षों का इंतजार खत्म

गुजरात को सौगात: आज से हजीरा-घोघा रो-पैक्स फेरी सर्विस शुरु, PM मोदी बोले- वर्षों का इंतजार खत्म

डिजिटल डेस्क, गांधीनगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात को एक और तोहफा दिया है। पीएम ने आज सूरत को सौराष्ट्र से जलमार्ग से जोड़ने वाले हजीरा-घोघा रो-पैक्स फेरी सर्विस का उद्घाटन किया। इस सेवा के शुरू होने से घोघा और हजीरा के बीच सड़क मार्ग की जो दूरी 375 किलोमीटर की है, वो समंदर के रास्ते घटकर सिर्फ 90 किलोमीटर ही रह जाएगी। 

 

 

इस अवसर पर पीएम मोदी ने गुजरातवासियों को संबोधित करते हुए कहा, आज घोघा और हजीरा के बीच रोपैक्स फेरी सर्विस शुरु होने से सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात दोनों क्षेत्र के लोगों का वर्षों का इंतजार खत्म हुआ है। हजीरा में आज नए टर्मिनल का भी लोकार्पण किया गया है। किसी एक प्रोजेक्ट के शुरू होने से कैसे Ease of Doing Business भी बढ़ती है और साथ साथ Ease of Living भी कैसे बढ़ती है उसका ये उत्तम उदाहरण है।

पीएम मोदी ने कहा, इस सेवा से घोघा और हजीरा के बीच अभी जो सड़क की दूरी 375 किमी है, वो समुद्री रास्ते से अब मात्र 90 किमी रह जाएगी। जिस दूरी को पूरा करने में 10 से 12 घंटे का समय लगता था , उसे पूरा करने में अब मात्र 3 से 4 घंटे लगेंगे। सबसे बड़ी बात ये है कि गुजरात के एक बड़े व्यापारिक केंद्र के साथ सौराष्ट्र की ये कनेक्टिविटी इस क्षेत्र के जीवन को बदलने वाली है। अब सौराष्ट्र के किसानों और पशुपालकों को सब्जी, फल और दूध को सूरत पहुंचाने में ज्यादा आसानी होगी। गुजरात में रोपैक्स फैरी सेवा शुरु करने में कई लोगों का श्रम लगा है। इसे पूरा करने में कई कठिनाइयां भी आईं।

पीएम मोदी ने कहा, मैं उन सभी साथियों का आभारी हूं, उन तमाम इंजीनियर्स का, श्रमिकों का आभार व्यक्त करता हूं, जो हिम्मत के साथ डटे रहे और आज सपने को साकार करके दिखाया है। हमारे प्रयासों से गुजरात के पोर्ट सेक्टर को नई दिशा मिली है। सिर्फ पोर्ट में फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण ही नहीं, उसके आस पास रहने वाले लोगों के जीवन आसान करने के लिए भी बहुत काम किया गया है। आज गुजरात में समुद्री कारोबार से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर और कैपेसिटी बिल्डिंग पर तेज़ी से काम चल रहा है। जैसे गुजरात मेरीटाइम क्लस्टर, गुजरात समुद्री विश्वविद्यालय, भावनगर में  सीएनजी टर्मिनल, ऐसी अनेक सुविधाएं गुजरात में तैयार हो रही हैं। सरकार का प्रयास, घोघा-दाहेज के बीच फेरी सर्विस को भी जल्द फिर शुरू करने का है।

पीएम मोदी ने कहा, इस प्रोजेक्ट के सामने प्रकृति से जुड़ी अनेक चुनौतियां सामने आ खड़ी हुई हैं। उन्हें आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। समुद्री व्यापार-कारोबार के लिए एक्सपर्ट तैयार हों, trained मैनपावर हो, इसके लिए गुजरात मेरीटाइम यूनिवर्सिटी बहुत बड़ा सेंटर है। आज यहां समुद्री कानून और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून की पढ़ाई से लेकर मैरीटाइम मैनेजमेंट, शिपिंग और लॉजिस्टिक्स में MBA तक की सुविधा मौजूद है। 

पीएम मोदी ने कहा, आज देश भर की समुद्री सीमा में पोर्ट्स की कैपिसिटी को भी बढ़ाया जा रहा है। नए पोर्ट्स का भी तेजी से निर्माण हो रहा है।देश के पास करीब 21 हजार किमी का जो जलमार्ग है, वो अधिक से अधिक कैसे देश के काम आए, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं। आज की रोपैक्स फैरी सेवा हो या कुछ दिन पहले शुरु की गई सी-प्लेन सेवाओं से वॉटर रिसोर्स बेस इकोनोमी को बहुत गति मिल रही है। जल-थल-नभ तीनों में इन दिनों गुजरात ने बहुत ऊंची छलांग लगाई है। सरकार के इन प्रयासों को गति देने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया जा रहा है, अब Ministry of Shipping का भी नाम बदला जा रहा है। अब ये मंत्रालय Ministry of Port"s, Shipping water ways नाम से जाना जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा, आत्मनिर्भर भारत मे blue economy की हिस्सेदारी को मजबूत करने के लिए समुद्र से जुड़े logistic को मजबूत करना बहुत आवश्यक है। सामान को देश के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ले जाने पर दूसरे देशों की अपेक्षा हमारे देश में आज भी ज्यादा खर्च होता है। वॉटर ट्रांसपोर्ट से Cost of Logistics को कम किया जा सकता है। इसलिए हमारा फोकस एक ऐसे इकोसिस्टम को बनाने का है जहां कार्गो की Seamless Movement हो सके।Logistics पर होने वाले खर्च को कम करने के लिए अब देश Multimodal Connectivity की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है। कोशिश ये है कि रोड, रेल, एयर और शिपिंग से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर की आपस में कनेक्टिविटी भी बेहतर हो और इसमें जो Silos आते हैं, उनको भी दूर किया जा सके।

पीएम मोदी ने कहा, समुद्री जल मार्ग हों या नदी जलमार्ग हों, भारत के पास संसाधन भी रहें हैं और विशेषज्ञों की कमी नहीं रही है। जलमार्ग से होने वाला ट्रांस्पोटेशन कई गुना सस्ता पड़ता है, पर्यावरण को भी कम से कम नुकसान होता है।फिर भी इस दिशा में 2014 के बाद ही काम हुआ है। त्योहारों के इस समय मे खरीददारी भी खूब हो रही है। इस खरीददारी के समय आपको वोकल फॉर लोकल का मंत्र नहीं भूलना है। देश आजादी के 75 वर्ष मनाने वाला है, तब तक वोकल फॉर लोकल का मंत्र हमारा, हमारे परिवार का मंत्र बन जाये, इस पर हमारा बल होना चाहिए।इसलिए ये दीवाली वोकल फॉर लोकल का टर्निंग पॉइंट बन जाए। मुझे विश्वास है कि कोरोना के इस समय मे आप सब भी पूरी सावधानी के साथ त्योहार मनाएंगे। क्योंकि आपकी रक्षा भी, देश की ही रक्षा है। 

 

 

 

Created On :   8 Nov 2020 7:01 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story