जिला अस्पताल में हर दिन कटती हैे जेब, कैमरे नहीं पकड़ सके एक भी चोर

pocket is cut every day in district hospital of satna, police probe continue
जिला अस्पताल में हर दिन कटती हैे जेब, कैमरे नहीं पकड़ सके एक भी चोर
जिला अस्पताल में हर दिन कटती हैे जेब, कैमरे नहीं पकड़ सके एक भी चोर

डिजिटल डेस्क सतना। जिला अस्पताल के चोर कैमरे आज तक एक भी चोर, जेबकतरे नहीं पकड़ सके। लोगों को एक बात समझ नहीं आ रही है कि कैमरे आखिर लगाए किस वजह से हैं। अस्पताल सूत्र बताते हैं कि ऐसा कोई हप्ता नहीं निकलता जब जिला अस्पताल में ओपीडी साथ वार्डों में मरीजों की जेब नहीं कटती हो, लेकिन जब चोरों को पकडऩे, पहचानने की बात आती है, कैमरे जवाब दे जाते हैं। अस्पताल के कैमरों की सच्चाई तो यह है कि यहां अधिकांश कैमरे बंद हैं। बताया गया है कि कैमरे एक दफा बंद हो गए तो सुधरवाने की ओर कोई ध्यान ही नहीं देता। अस्पताल में चोरी या फिर मरीजों की जेब कटने के बाद थाने में रिपोर्ट होने पर कई दफा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की बात आई लेकिन आधे से अधिक कैमरे बंद मिले। कुछ कैमरे चालू भी हैं तो चोरों को पकडऩे में सहायक साबित नहीं हुए।
  लगे हैं एक दर्जन सेट
जिला अस्पताल में ओपीडी हॉल, लेबर रूम, गायनी वार्ड के साथ कई महत्वपूर्ण वार्डों में कैमरे लगाए गए हैं लेकिन इनकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। अस्पताल में दिन में भीड़ इतनी अधिक होती है कि मरीजों की जेब कट जाती है लेकिन कैमरे तक में चोर की तस्वीर कैद नहीं हो पाती। बताया गया है कि जेब कटने की सबसे अधिक धटनाएं ओपीडी हॉल में पर्ची कटवाने या फिर लाइन में लगकर मरीजों को दिखाने के दौरान सामने आती हैं। कई दफा तो लोगों ने चोरों को पकड़ा भी।
  पैरामेडिकल स्टाफ भी परेशान
अस्पताल में चोरी वएं जेब कटने की घटनाओं से अकेले इलाज कराने आने वाले मरीज बस परेशान नहीं हैं। घटनाएं इतनी हो रही हैं कि मरीजों के साथ-साथ पैरामेडिकल स्टाफ भी अपने समान को लेकर दिन भर चिंतित रहते हैं। कई दफा पैरामेडिकल स्टाफ की जेब भी कट चुकी हैं। वार्डों से कर्मचारियों के मोबाइल चोरी होने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं। अधिकांश वार्डों में तो रात में अनजान लोग घूमते रहते हैं। स्टाफ द्वारा पूछने पर ये लोग खुद को मरीजों का परिजन बताते हैं लेकिन इनका मरीज कौन है यह बताना ये लोग जरूरी नहीं समझते।
  क्या देखते हैं अधिकारी
बताया गया है कि जिला अस्पताल में जितने कैमरे लगे हैं सबका कनेक्शन सिविल सर्जन चेंबर में है। यहां एक बड़ा मॉनीटर लगाया गया है जिसमें सीएम यह देख सकते हैं कि कहां क्या चल रहा है। यह बात दीगर है कि अधिकारी कैमरों के जरिए न तो कभी स्टाफ की लापरवाहियों को पकड़ पाते और न ही नइको वार्डों की अव्यवस्थाएं नजर आतीं। हां अगर डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ किसी प्रकार की घटना-दुर्घटना हो जाती है तब अस्पताल प्रबंधन कैमरे के जरिए सबूत देने से पीछे नहीं हटता।

 

Created On :   12 April 2018 7:56 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story