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अपराधियों के रिश्तेदारों व आश्रयदाताओं का रिकार्ड तैयार कर रही पुलिस

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में क्राइम करने वालों की अब खैर नहीं है। नागपुर ग्रामीण पुलिस विभाग द्वारा अपराधियों पर लगाम लगाने के लिए उनके रिश्तेदारों व आश्रयदाताओं के रिकार्ड तैयार किए दा रहे हैं। इसके लिए प्रत्येक थानों में विशेष सेल तैयार किया गया है। अब तक करीब 3 हजार अपराधियों के नाम व पते की सूची तैयार की जा चुकी है। सिविल लाइंस स्थित एसीपी कार्यालय में बने विशेष कक्ष में इसके लिए चार कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। यह कर्मचारी ग्रामीण क्षेत्र के थानों से मिलने वाले अपराधियों के सारे रिकार्ड को कम्प्यूटर में अपलोड कर रहे हैं। एक क्लिक पर अपराधी का सारा ब्योरा सामने आ जाएगा। कई बार पुलिस के संबंधित गांव या परिसर में पहुंचने तक अपराधी आसानी से फरार हो जाते हैं। सूची तैयार हो जाने से अपराधियों की धरपकड़ में मदद मिल सकेगी।
रिकार्डेड क्रिमिनल पर रखनी है नजर
नागपुर ग्रामीण पुलिस को प्रत्येक पुलिस स्टेशन में रिकॉर्डेड अपराधियों पर नजर रखनी है। ग्रामीण क्षेत्र के थानों के क्षेत्र विस्तार व अनेक गांव काफी दूर हैं। हर रोज वहां पर भेंट देना संभव भी नहीं है। इस कारण प्रत्येक पुलिस स्टेशन स्तर पर हर रोज एक कर्मचारी को चार अपराधी के बारे में जांच कर उसकी रिकार्ड की सूची पुलिस स्टेशन और एसपी कार्यालय में भेजनी है। इसके लिए थाने में बनाए गए विशेष सेल को अपराधी की जांच कर उसका मोबाइल नंबर, उसके परिजनों, मित्रों व वह जिसके संपर्क में रहता है, उसका मोबाइल नंबर, उसकी संपूर्ण जानकारी तैयार कर भेजना है। वरिष्ठ अधिकारियों को पुलिस निरीक्षक संजय पुरंदरे इस बारे में अवगत कराते हैं। कौन सा अपराधी कहां है। उसे किसने आश्रय दिया इसकी जानकारी पुलिस अधिकारियों को मिलते रहती है। पुलिस अधीक्षक राकेश ओला के मार्गदर्शन में यह अभियान शुरू है।
कर्मचारी नहीं कर सकेंगे कामचोरी
सूत्रों के अनुसार नागपुर ग्रामीण पुलिस थानों के एक कर्मचारी को एक दिन में चार अपराधियों के नाम व पता का ब्योरा तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। उसे अपराधियों का रिकार्ड हासिल करने के बाद उसे ग्रामीण अपराध शाखा के पुलिस के निरीक्षक संजय पुरंदरे के पास भेजना पड़ता है। उसके बाद इसका रिकार्ड एसपी और अपर एसपी के पास भेजा जाता है। अपराधियों का रिकार्ड तैयार करने वाले कर्मचारी कामचोरी नहीं कर सकते हैं। संबंधित पुलिस कर्मचारी को अपराधी से मुलाकात नहीं होने पर उसके बारे में किससे बातचीत की। इसकी तस्वीरें लेकर एसीपी कार्यालय व थानेदारों को भेजनी है, जिससे यह पता चल सके कि कर्मचारी उस अपराधी के बारे में जानकारी हासिल करने गया था। इसके पीछे बस वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का इतना मकसद है िक कामचोरी करने वाले पुलिस कर्मी झूठ नहीं बोल सकेंगे। ग्रामीण पुलिस अधीक्षक राकेश ओला, अपर पुलिस अधीक्षक मोनिका राऊत के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक संजय पुरंदरे के नेतृत्व में एसीपी कार्यालय के चार कर्मचारी अपराधियों के रिकार्ड का हिसाब रख रहे हैं।
तीन हजार अपराधियों का तैयार हो चुका है रिकार्ड
ग्रामीण पुलिस विभाग की ओर से अपराधियों के रिकार्ड तैयार करने के लिए प्रत्येक थानों में विशेष सेल बनाया गया है। प्रत्येक कर्मचारी को एक दिन में कम से कम 4 अपराधियों के रिकार्ड की जांच कर उसके बारे में जानकारी भेजना है। अब तक तीन हजार से अपराधियों का रिकार्ड तैयार हाे चुका है। - संजय पुरंदरे, पुलिस निरीक्षक, ग्रामीण शाखा विभाग
Created On :   7 Dec 2018 12:49 PM IST