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पुलिस शिकायत प्राधिकरण के पास सबसे अधिक शिकायत, दर्ज नहीं होती FIR

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ज्यादातर लोग इसी बात से परेशान हैं कि पुलिस उनकी शिकायत पर FIR तक नहीं दर्ज करती। पिछले एक सालों में राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण को मिली 649 शिकायतें में से ज्यादातर इसी बात की हैं। इस दौरान प्राधिकरण ने 196 मामलों का निपटारा किया लेकिन सिर्फ एक पुलिसवाले को सजा देने की शिफारिश की। जिस मामले में पुलिस वाले के खिलाफ कार्रवाई हुई वह मुंबई के कुर्ला पुलिस स्टेशन में एक लड़के को अवैध रुप से पूरी रात हिरासत में रखने का था। बाकी मामलों में दोषी पुलिस वालों को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण के अध्यक्ष व हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आनंद पोद्दार ने बताया कि हमारे पास जो शिकायतें आ रहीं हैं उनमें ज्यादातर FIR दर्ज करने में आनाकानी की हैं। इसके अलावा कुछ गंभीर मामले भी हैं। प्राप्त शिकायतों में से 259 की सुनवाई चल रही है जबकि 194 मामलों में अब भी छानबीन की जा रही है।
नागपुर से सिर्फ 5 शिकायतें
नागपुर विभाग से प्राधिकरण को पुलिसवालों के खिलाफ सिर्फ पांच शिकायतें मिलीं हैं वहीं औरंगाबाद विभाग से 47 शिकायतें मिलीं हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल लोगों को प्राधिकरण के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है इसलिए वे अदालतों का दरवाजा खटखटाते हैं। उन्होंने बताया कि कई मामले हमारे पास अदालत में जाने के बाद भेजे गए। पोद्दार ने बताया कि शिकायत लिखित रुप से की जानी अनिवार्य है क्योंकि ऑनलाइन शिकायत में पहचान मुश्किल है और इसका दुरुपयोग हो सकता है। बता दें कि सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद महाराष्ट्र सरकार ने पुलिस कानून में सुधार करते हुए राज्य पुलिस शिकायत प्राधिकरण बनाया है। दो जनवरी 2017 से प्राधिकरण ने कामकाज शुरू कर दिया है इसका ऑफिस नरिमन पाइंट स्थित कुपरेज टेलिफोन एक्सचेंज की चौथी मंजिल पर है।
नागपुर में भी बनेगा प्राधिकरण का कार्यालय
पोद्दार ने बताया कि विभाग स्तरीय पुलिस शिकायत प्राधिकरण भी बनाया जाएगा। पुणे विभाग में यह शुरू हो गया है। जबकि नागपुर, औरंगाबाद, अमरावती, नाशिक और कोंकण में भी जल्द ही विभाग बनाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि एसीपी और उससे ऊपर के पदों पर तैनात पुलिसवालों की सुनवाई राज्य प्राधिकरण करेगा जबकि उससे निचले स्तर के पुलिसकर्मियों की सुनवाई विभागीय प्राधिकरण के पास होगी। प्राधिकरण सुनवाई के बाद राज्य सरकार को कार्रवाई का जो आदेश देगा उस पर अमल करना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो उसका उचित कारण बताना होगा।
कौन कर सकता है शिकायत ?
1-पीड़ित उसका रिश्तेदार या कोई और भी मामले की शिकायत कर सकता है।
2-राष्ट्रीय या राज्य मानवाधिकार आयोग
3-पुलिसवाले भी कर सकते हैं पुलिसवालों की शिकायत
किन मामलों की हो सकती है शिकायत ?
पुलिस हिरासत में मौत
आईपीसी की धारा 320 के तहत आने वाले गंभीर चोट पहुंचाने के मामले
बलात्कार या बलात्कार का प्रयास
गिरफ्तारी या हिरासत में लेने के लिए नियमों का पालन न करना
भ्रष्टाचार
जबरन वसूली
जमीन या घर हड़पना
कानून का उल्लंघन और अधिकारों का दुरुपयोग
Created On :   18 Jan 2018 9:33 PM IST