पकड़ा गया फाइनेंस कंपनी से ग्राहकों की जानकारी चोरी कर कर्ज लेने वाला गिरोह

Police exposed group taking loan on costumers name of finance company
पकड़ा गया फाइनेंस कंपनी से ग्राहकों की जानकारी चोरी कर कर्ज लेने वाला गिरोह
पकड़ा गया फाइनेंस कंपनी से ग्राहकों की जानकारी चोरी कर कर्ज लेने वाला गिरोह

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बजाज फाइनेंस कंपनी के ग्राहकों का डेटा वेबपोर्टल से चोरी कर उनके नाम पर कर्ज लेकर खरीदारी करने वाली एक टोली का मुंबई पुलिस ने पर्दाफाश किया है। गिरफ्तार आरोपियों में नामी इलेक्ट्रॉनिक शोरूम का एक पूर्व कर्मचारी भी शामिल है। आरोपियों ने अब तक 22 मामलों में 32 लाख रुपए से ज्यादा की ठगी का खुलासा किया है। सोमवार को सत्र न्यायालय में पेशी के बाद आरोपियों को 15 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। मामले में मुख्य आरोपी रमीज शेख लालबाग इलाके में स्थित एक नामी इलेक्ट्रॉनिक शोरुम में काम करता था।

शोरूम की ओर से उसे यूजर आईडी और पासवर्ड दिया गया था, जिससे वह उन ग्राहकों की पहचान कर सके जिनके कर्ज को कंपनी ने मंजूरी दे दी है। कंपनी ऑनलाइन ग्राहकों से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराती थी। इसी का इस्तेमाल कर शेख ने दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर ग्राहकों के नाम पर फर्जी कागजात तैयार किए और फिर उसके जरिए ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट से मंहगे इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदकर उसे औनेपौने दाम में बेंच देते थे। आरोपियों के खिलाफ मुंबई समेत आसपास के इलाकों के कई पुलिस स्टेशनों में शिकायतें दर्ज हैं। बजाज फाइनांस कंपनी ने भी 15 मामलों की शिकायत पुलिस से की है जबकि आरोपियों द्वारा 22 मामलों में 3238598 रुपयों की ठगी की बात सामने आई है।

ऐसे हुआ खुलासा

प्रापर्टी सेल के सहायक पुलिस निरीक्षक लक्ष्मीकांत सालुंखे को इस गिरोह की भनक लगी। इसके बाद जाल बिछाकर मुंबई के वरली से रमीज शेख और राजेश वडलुरी जबकि ठाणे के बदलापुर इलाके से अबूबकर मोहम्मद शेख नाम के एक आरोपी को गिरफ्तार किया। एसीपी संजय कदम और सीनियर इंस्पेक्टर सुनील बाजारे के मार्गदर्शन में जांच आगे बढ़ी और ठगी के एक बड़े रैकेट का पर्दाफाश हुआ। आरोपियों के खिलाफ पहले भी ठगी के कई मामले दर्ज हैं। 

बिना सामान लिए लोगों के कार्ड से कटती थी EMI

रमीज शेख बजाज फाइनांस के वेब पोर्टल से लोगों के नाम और उनके डेबिट/क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारी इकठ्ठा करता था। इसके बाद EMI पर आईफोन या दूसरी कंपनियों के मंहगे फोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के लिए ऑनलाइन ऑर्डर देता था। सामान मिलने के बाद उसे आधी कीमत पर आनन फानन में बेंच दिया जाता था। कार्ड के असली मालिक को तब भनक लगती जब EMI कटने का संदेश मिलता। आरोपियों के खिलाफ पहले भी ठगी के कई मामले दर्ज हो चुके हैं।

Created On :   10 Dec 2018 4:28 PM GMT

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