रिटायर्ड एसडीओ और क्लर्क का अपहरण, बगदरा घाटी में हुई वारदात, पुलिस कर रही जंगलों में सर्च

Police got  some important clues in kidnapping case of Satna
रिटायर्ड एसडीओ और क्लर्क का अपहरण, बगदरा घाटी में हुई वारदात, पुलिस कर रही जंगलों में सर्च
रिटायर्ड एसडीओ और क्लर्क का अपहरण, बगदरा घाटी में हुई वारदात, पुलिस कर रही जंगलों में सर्च

डिजिटल डेस्क, सतना। चित्रकूट-सतना स्टेट हाइवे -11 की बगदरा घाटी से 23 अक्टूबर को दिन दहाड़े फारेस्ट के सेवानिवृत्त एसडीओ रामाश्रय पांडेय , रिटायर्ड क्लर्क सुरेश सोहगौरा और कार ड्राइवर मुन्ना के अपहरण की वारदात के दूसरे दिन  पुलिस के हाथ कुछ अहम सुराग लगे हैं। आईजी उमेश जोगा ने बताया कि एक लाख के इनामी डाकू लवलेश कोल की लोकेशन एमपी -यूपी बार्डर पर अनुसूइया के जंगल में एक पहाड़ी पर मिलने के बाद ज्वाइंट आपरेशन शुरु किया गया है।

गैंग लीडर बबुली के गांव पहुंचे आईजी
इससे पहले बुधवार की भोर आईजी उमेश जोगा और डीआईजी अविनाश शर्मा ने  चित्रकूट पहुंच कर हालात की समीक्षा की। इसके बाद पुलिस के दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने मारकुंडी थाना क्षेत्र के डोंडा स्थित सोसायटी कोलान का दौरा किया। साढ़े 5 लाख का अंतराज्यीय इनामी गैंग लीडर इसी गांव का रहने वाला है।

मझगवां की तरफ से एसपी मोर्चे पर
उधर, वारदात की शाम से ही एसपी संतोष सिंह गौर और एडीशनल एसपी गौतम सोलंकी भारी पुलिस बल के साथ तराई में कैंप कर रहे हैं।  पुलिस अधीक्षक  स्वयं मझगवां की तरफ से मोर्चे पर हैं।  पुलिस की 5 अलग -अलग सशस्त्र पार्टियों  के साथ 150 जवानों को घने जंगल में उतारा गया है। आईजी ने बताया कि पुराने मुखबिरों के नेटवर्क को भी सक्रिय किया गया है। डकैतों के पनाहदाता रिश्तेदारों से भी कड़ी पूछताछ शुुरु की गई है। उधर यूपी के चित्रकूट एसपी मनोज झा ने बताया कि सरहद के बहिलपुरवा, मानिकपुर और मारकुंडी पुलिस को अलर्ट किया गया है। पकड़ को नाकाम करने की हर संभव कोशिश की जाएगी।

काम छोडकऱ बिहार लौटे 25 काक्रीट श्रमिक
व्यस्ततम स्टेट हाइवे पर एसएएफ कैंप से महज 500 मीटर के फासले पर दिनदहाड़े डकैतों के तांडव से दस्यु प्रभावित तराई क्षेत्र में दहशत फैल गई है। मझगवां से चित्रकूट के बीच निर्माणाधीन टू लेन रोड में लगे 32 में से 25  श्रमिक डर के मारे अपने घरों को लौट गए हैं। श्रमिकों के घर लौटने से सडक़ निर्माण ठप्प हो गया है। कहते हैं, डकैतों ने इन्हें अगर फिर दिखे तो गोली मार देने की धमकी दी थी।

निर्माण कार्य रूक गया
एसएएफ की पोस्ट के नजदीक साइट पर मजदूरों के बेतरतीब पड़े लांग बूट और झाडिय़ों में पड़े फावड़े देखकर डकैतों की दहशत का अंदाजा लगाया जा सकता है। सडक़ निर्माण में प्रयुक्त होने वाली मशीनें लावारिस खड़ी हैं उनका जंगल में कोई नामलेवा नहीं बचा। मजदूरों का कहना है कि 4 डकैतों ने उनकी कनपटी में बंदूक तान दी और बोले कि फिर कभी दिखे तो गोली मार दी जाएगी। इस दहशत के कारण 25 मजदूरों ने साइट को अलविदा कह दिया और बिहार वापस जाने की तैयारी शुरू कर दी है। उन्हें सिर्फ अपनी मजदूरी का इंतजार था। यहां सहरसा बिहार के 32 मजदूर काम कर रहे हैं। जिस जगह घटना हुई वहां नाला है। संभवत: डकैतों ने भागने के लिए इसी नाले का उपयोग किया है।

मझगवां थाना को बनाया बेस कैम्प
पुलिस प्रशासन ने मझगवां थाना को बेस कैम्प बनाया है। समूचे जिले के थाना और चौकियों से करीब 150 जवानों को सर्चिंग अभियान में लगाया गया है जबकि एक पार्टी को थाने में रिजर्व रखा गया है। जवानों ने बोरिया-बिस्तर के साथ  आमद दर्ज कराई। सभी जवान अत्याधुनिक हथियार से लैस हैं। अल्टो कार को सडक़ निर्माता कंपनी के कैम्प में रखा गया है। कार की पिछली सीट में  दवाइयां और कुछेक पानी की बॉटलें भी रखी हैं।

Created On :   25 Oct 2018 7:36 AM GMT

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