जनहित में ही पुलिस अधिकारी का हो सकता है मध्यावधि तबादला

Police officer can be transferred mid-term only in public interest
जनहित में ही पुलिस अधिकारी का हो सकता है मध्यावधि तबादला
नाशिक के पुलिस अधीक्षक के तबादले पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक जनहित में ही पुलिस अधिकारी का हो सकता है मध्यावधि तबादला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुलिस अधिकारी के मध्यावधि तबादले को लेकर प्रशासकीय कारण के साथ ही वह वजह भी बताना जरुरी है जिसके तहत मध्यावधि तबादले का आदेश जारी किया जाता है। यदि ऐसा नहीं होगा तो एक पद के लिए तय की जानेवाली सामान्य कार्यकाल की अवधि निरर्थक हो जाएगी। बांबे हाईकोर्ट ने नाशिक ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक सचिन पाटील के मध्यावधि तबादले पर अंतरिम रोक लगाते हुए यह बात कही है। पाटील को एक साल पूरा होने से पहले ही 9 सितंबर 2021 को उनका मध्यावधि तबादला करके उन्हें राज्य के खुफिया विभाग के पुलिस उपायुक्त पद पर भेज दिया गया था।

आमतौर पर पुलिस अधीक्षक के पद का दो साल का कार्यकाल होता है। जो कि पाटील ने पूरा नहीं किया था।   मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद पाया कि नियमानुसार केवल अपवादजनक परिस्थितियों व जनहित में ही अधिकारी का मध्यावधि तबादला हो सकता है। हालांकि सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने दावा किया कि याचिकाकर्ता के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायते मिली थी। इसके बाद उनके तबादले के बारे में सिफारिस की गई थी। फिर उनके तबादले का आदेश जारी किया गया था।  खंडपीठ ने मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने व पाटील की याचिका पर गौर करने के बाद कहा कि इस मामले में अवैध तरीके से पाटील का तबादला किया गया है। क्योंकि जिन परिस्थितियों में पुलिस अधिकारी का मध्यावधि तबादला  किया गया है, उसका तबादले के आदेश में उल्लेख नहीं है।

खंडपीठ ने कहा कि एक उद्देश्य के तहत एक पद के लिए सामान्य कार्यकाल सुनिश्चित किया गया है। ऐसे में यदि तबादले का आदेश जारी करते समय कानूनी प्रावधानों का पालन नहीं किया जाएगा तो पद के लिए सामान्य कार्यकाल तय करने से जुड़ा उद्देश्य खत्म हो जाएगा। इसलिए याचिकाकर्ता के तबादले पर साल के अंत तक अंतरिम रोक लगाई जाती है। चूंकि केंद्रीय प्रशासकीय न्यायाधिकरण (कैट) में मामले की सुनवाई के लिए पीठ नहीं थी। इसलिए खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। खंडपीठ ने कहा कि हम अपेक्षा करते है कि आनेवाले समय में कैट में पीठ उपलब्ध होगी। जिसके बाद याचिकाकर्ता कैट में हाईकोर्ट की ओर से जारी तबादले पर रोक लगाने से जुड़े अंतरिम आदेश की अवधि को बढ़ाने के लिए आवेदन कर सकते हैं। खंडपीठ ने राज्य सरकार को भी अंतरिम आदेश को हटाने के लिए आवेदन करने की छूट दी है। 

Created On :   25 Sept 2021 5:56 PM IST

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