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मुख्यमंत्री का पुतला फूंकने के दौरान आग की लपटों में पुलिस जवान झुलसा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्यवस्था में हुई चूक का मसला देशभर में गर्माया हुआ है। जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। नागपुर में भी इसका असर देखा गया। भारतीय जनता युवा मोर्चा ने घटना का विरोध करते हुए बड़कस चौक पर जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीतसिंह चन्नी का पुतला फूंका गया। इस दौरान आग की लपटें बंदोबस्त में तैनात पुलिस जवान तक पहुंच गई। सहकर्मी जवान ने अपने सहयोगी को आग की लपटों से बचाते हुए उसे दूर किया, लेकिन भाजयुमो के कार्यकर्ता नारेबाजी और प्रदर्शन में व्यस्त रहे।
प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर दिनभर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। इस बीच भाजयुमो ने दोपहर करीब 3 बजे बड़कस चौक पर प्रदर्शन किया। मंदिर में प्रार्थना कर आंदोलन की शुरुआत की गई। इस दौरान कांग्रेस नेताओं के विरोध में नारेबाजी और प्रदर्शन किया गया। पंजाब के मुख्यमंत्री से इस्तीफा देने की मांग की गई। परिस्थिति को भांपते हुए पहले से यहां पुलिस बंदोबस्त लगाया गया था। जैसे ही भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री चरणजीतसिंह चन्नी का पुतला लाया और नारेबाजी कर जलाने की शुरुआत की, वैसे ही पुलिस ने तत्काल उसे अपने कब्जे में लेने की कोशिश की। इस छीना-झपटी में पुतले में लगी आग की लपटें पुलिस हेड कांस्टेबल धर्मपाल वर्मा तक पहुंचीं जिससे वे नीचे गिर पड़े। उन्हें सहयोगी पुलिस कर्मचारी ने तत्काल उठाया और वर्दी पर गिरे जलते अवशेषों को हटाया। इस दौरान वर्मा के हाथ और शरीर को आग के चटके भी लगे। हालांकि भाजयुमो कार्यकर्ता अपने प्रदर्शन और नारेबाजी में मशगूल रहे। इस घटना की तरफ उनका ध्यान ही नहीं गया। भाजयुमो के प्रदेश सचिव राहुल खंगार की प्रमुख उपस्थिति व शहर अध्यक्ष पारेंद्र पटले के नेतृत्व में आंदोलन हुआ। इस अवसर पर शहर महामंत्री सचिन करारे, दीपांशु लिंगायत, अमोल तिडके, संपर्क मंत्री मनीष मेश्राम, मंडल अध्यक्ष बादल राऊत, पंकज सोनकर, सनी राऊत, यश सातपुते, अमर धरमारे, शेखर कूर्यवंशी, यश शर्मा, वैभव चौधरी, घनश्याम ढाले आदि उपस्थित थे।
Created On :   7 Jan 2022 4:28 PM IST