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पुलिस थानों को भी मिले मोटर वाहन कानून की 15 धाराओं में जुर्माना करने के अधिकार

डिजिटल डेस्क, भोपाल। प्रदेश में वाहन दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए राज्य सरकार ने अब मोटर वाहन कानून 1988 के तहत पन्द्रह धाराओं के तहत जुर्माना करने के अधिकार पुलिस थाना कर्मियों को भी प्रदान कर दिए हैं। इससे पहले इन पन्द्रह धाराओं के तहत जुर्माना लगाने के ये अधिकार सिर्फ समस्त सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, परिवहन निरीक्षक, परिवहन उपनिरीक्षक, पुलिस विभाग की यातायात शाखा में पदस्थ निरीक्षक व उपनिरीक्षकों को ही था।
ज्ञातव्य है कि राज्य शासन ने 21 जनवरी 2013 को मोटरयान अधिनियम 1988 के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर जुर्माना वसूलने के अधिकार प्रदान करने के लिए अधिसूचना जारी की थी। इसमें पन्द्रह धाराओं के उल्लंघन पर जुर्माना वसूलने के अधिकार सिर्फ सिर्फ समस्त सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी, परिवहन निरीक्षक, परिवहन उपनिरीक्षक, पुलिस विभाग की यातायात शाखा में पदस्थ निरीक्षक व उपनिरीक्षकों को ही था। लेकिन परिवहन और यातायात शाखा में स्टाफ की कमी के कारण वाहन दुर्घटनाओं एवं अनियमितताओं पर प्रभावी कार्यवाही नहीं हो पा रही थी।
इसीलिए पांच साल बाद इन पन्द्रह धाराओं के तहत जुर्माना वसूलने के अधिकार पुलिस थाना कर्मियों को भी प्रदान कर दिए गए हैं। पुलिस थाना कर्मियों में निरीक्षक, उपनिरीक्षक और सहायक उपनिरीक्षक को ही इन पन्द्रह धाराओं के उल्लंघन पर जुर्माना वसूलने के अधिकार दिए गए हैं यानि थाना पुलिस के प्रधान आरक्षक और आरक्षकों को यह जुर्माना वसूलने का अधिकार नहीं होगा। इसी प्रकार पहले यातायाात शाखा के सिर्फ निरीक्षक एवं उपनिरीक्षक को ही जुर्माना वसूलने के अधिकार थे परन्तु अब यातायाात शाखा के सूबेदार और सहायक उपनिरीक्षक को भी ये अधिकार प्रदान कर दिए गए हैं।
ये हैं पन्द्रह धारायें और जुर्माने की राशि
धारा 179 यानि वाहन चालक द्वारा प्राधिकृत अधिकारी के निर्देश न मानने पर यात्री वाहन से एक हजार रूपए और निजी वाहन से 500 रूपए। धारा 180 यानि अनधिकृत व्यक्ति को वाहन चलाने के लिए देना, धारा 181 यानि बिना लायसेंस वाहन चलाने पर, धारा 182-1 यानि अयोग्य व्यक्ति द्वारा वाहन चलाने पर, धारा 183-1 यानि ज्यादा गति से वाहन चलाने पर, धारा 184 यानि खतरनाक ढंग से वाहन चलाने पर, धारा 189 यानि पब्लिक प्लेस पर रेस लगाने पर, धारा 190-2 यानि वाहन प्रदूषण पर, धारा 191 यानि वाहन में अनधिकृत रुप से बदलाव करने पर यात्री वाहन से 3 हजार रूपए और निजी वाहन से एक हजार रूपए जुर्माना वसूला जाएगा।
इसी प्रकार, 182-2 अयोग्य व्यक्ति द्वारा कन्डक्टरी करने पर यात्री बस से एक हजार रूपए, धारा 192-1-क यानि बिना रजिस्ट्रेशन व्यवसायिक वाहन के अंतर्गत भारी वाहन से 7 हजार रूपए, मध्यम वाहन से 5 हजार रूपए व हल्के वाहन से 3 हजार रूपए तथा गैर व्यवसायिक वाहन के अंतर्गत हल्के वाहन पर 3 हजार रूपए, मोटर सायकल पर 2 हजार रूपए और अन्य वाहन पर 5 हजार रूपए, धारा 192-1-ख यानि बिना फिटनेस के वाहन चलाने के अंतर्गत व्यवसायिक वाहन के अंतर्गत भारी वाहन से 5 हजार रूपए, मध्यम वाहन से 3 हजार रूपए एवं हल्के वाहन से 2 हजार रूपए, , धारा 194-1 यानि स्वीकृत भार से अधिक वाहन चलाने पर न्यूनतम 2 हजार रूपए तथा अतिरिक्त रूपए एक हजार रूपए प्रति टन एवं अधिक भार को खाली कराने पर 100 रूपए प्रति टन, धारा 194-2 यानि जुर्माना राशि न भरने पर 5 हजार रूपए, धारा 196 यानि बिना बीमा के वाहन चलाने पर मोपेड/मोटर सायकल से एक हजार रूपए, हल्के माल/यात्री वाहन से 3 हजार रूपए, मध्यम/भारी माल/यात्री वाहन से 5 हजार रूपए तथा धारा 198 यानि वाहन में टेम्प्रिंग करने पर एक हजार रूपए जुर्माना वसूला जा सकेगा। एआरटीओ भोपाल संजय तिवारी का कहना है, ‘मोटर व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माने करने एवं उसकी राशि वसूलने के लिए अब पुलिस थाना कर्मियों को भी अधिकार दे दिए गए हैं क्योंकि उन कर्मियों की परिवहन एवं यातायाात शाखा कर्मियों से संख्या अधिक है। इससे अब प्रभावी कार्यवाही हो सकेगी।’
Created On :   30 March 2018 12:29 PM IST