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शिवसेना पर कब्जे को लेकर शुरु हुई राजनीतिक लड़ाई

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली मूल शिवसेना और बागी हुए प्रदेश के नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के बीच शिवसेना के विधानमंडल दल पर कब्जे करने के लिए लड़ाई शुरू हो गई है। शिंदे गुट ने शिवसेना विधानमंडल दल के मुख्य सचेतक के रूप में भरत गोगावले की नियुक्ति की है। जबकि शिवसेना के मूल मुख्य सचेतक सुनील प्रभु की नियुक्ति को रद्द कर दिया है।
शिंदे गुट ने गोगावले को मुख्य सचेतक पद पर नियुक्ति के संबंध में विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि झिरवाल को पत्र भेजा है। इस पत्र में शिंदे गुट के 34 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। मंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्वीट करके रायगड के महाड सीट से विधायक गोगावले की मुख्य सचेतक पद पर नियुक्ति करने के संबंध में जानकारी दी। शिंदे ने शिवसेना के मूल मुख्य सचेतक प्रभु द्वारा मंगलवार, 22 जून को शाम 5 बजे शिवसेना विधायक दल की बैठक बुलाने के संबंध में जारी आदेश को कानूनी रूप से अवैध करार दिया है।
बैठक में शामिल नहीं हुए तो होगी शुरु होगी कार्यवाही दूसरी ओर शिवसेना के मुख्य सचेतक प्रभू ने शिंदे गुट में शामिल शिवसेना के विधायक तथा वित्त राज्य मंत्री शंभूराज देसाई को पार्टी की विधानमंडल दल की बैठक में शामिल होने के लिए पत्र भेजा। हालांकि देसाई शिवसेना विधानमंडल दल की बैठक में शामिल नहीं हुए। इसके पहले 21 जून को मंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के बगावत के बाद मुख्यमंत्री तथा शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में बैठक हुई थी। जिसमें शिवसेना विधानमंडल दल के नेता पद से शिंदे को हटाकर अजय चौधरी की नियुक्ति की गई थी। बुधवार को पार्टी के मुख्य प्रतोद सुनील प्रभु की तरफ से जारी पत्र में कहा गया है। इस बैठक में बगैर जरूरी कारण के लिखित तौर पर सूचना दिए बैगर गैर हाजिर नहीं रह सकते। बैठक में शामिल न होने पर यह समझा जायेगा की आप ने स्वेच्छा से शिवसेना छोड़ दी है और इस लिए आप की विधानसभा सदस्यता समाप्त करने को लेकर कार्यवाही शुरू की जायेगी।
Created On :   22 Jun 2022 7:43 PM IST