मुंबई के बांद्रा में भीड़ जुटने के पीछे राजनीतिक साजिश :  थोरात

Political conspiracy behind mob gathering in Bandra, Mumbai: Thorat
मुंबई के बांद्रा में भीड़ जुटने के पीछे राजनीतिक साजिश :  थोरात
मुंबई के बांद्रा में भीड़ जुटने के पीछे राजनीतिक साजिश :  थोरात

डिजिटल डेस्क,मुंबई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व राज्य के राजस्व मंत्री बाला साहब थोरात ने कहा है कि बांद्रा पश्चिम में इकट्ठा हुई प्रवासी मजदूरों की भीड़ के पीछे राजनीतिक षडयंत्र होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। श्री थोरात ने कहा कि सरकार इस मामले की जांच कर रही है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कर कार्रवाई की जाएगी। राजस्व मंत्री ने कहा कि कोरोना के मद्देनजर हमने केंद्र सरकार से 25 हजार करोड़ के पैकेज की मांग की है।  

शुक्रवार को ऑनलाइन प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भीड़ इकट्ठा होने के बाद ट्विटर पर जंग शुरू हो गई। इसमें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के इस्तीफे व राष्ट्रपति शासन लगाने की बात कही गई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की। उन्होंने ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूर सड़कों पर उतरे हैं। सूरत में दो बार मजदूरों की भीड़ इकट्ठा हुई है। मुझे यह नहीं पता कि तब केंद्रीय गृहमंत्री ने किसी और राज्य के मुख्यमंत्री को फोन किया था अथवा नहीं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में थोरात ने कहा कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री श्री ठाकरे को विधानपरिषद का सदस्य नियुक्त करना चाहिए। क्योंकि यह राजनीतिक स्थिरता का विषय है।

उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते चुनाव हो पाना संभव नहीं है लेकिन यदि चुनाव होते तो श्री ठाकरे आसानी से विधानपरिषद सदस्य चुन लिए जाते। कांग्रेस नेता ने कहा कि अब तक इस पूरे मामले में राज्यपाल से निर्णय लेने के बारे में कुछ चर्चा नहीं हुई है। लेकिन हमें उम्मीद है कि राज्यपाल मंत्रिमंडल की ओर से 6 अप्रैल 2020 को लिए गए फैसले के तहत निर्णय लेंगे। पर ऐसी भी खबरें आ रही है कि राज्यपाल इस विषय पर कानूनी सलाह ले रहे हैं और मंत्रिमंडल के निर्णय को लेकर कोर्ट केस दायर किया गया है। 

मजदूरों का ख्याल रखें बिल्डर
राजस्व मंत्री ने कहा कि बिल्डरों को निर्माण कार्य से जुड़े मजदूरों की देखरेख करने के लिए कहा गया है। क्योंकि यदि मजदूर चले गए तो लॉकडाउन खत्म होने के बाद भी उनके प्रोजेक्ट अधूरे रह जाएंगे। निर्माण कार्यों मजदूरों को नकद आर्थिक मदद के सवाल पर थोरात ने कहा कि हम उन्हें भोजन उपलब्ध करा रहे हैं। फिलहाल नकद देने के बारे में कोई फैसला नहीं हुआ है। इस दौरान उन्होंने ने भारतीय जनता पार्टी पर भी निशाना साधा। श्री थोरात ने कहा कि एक तरफ भाजपा राज्य सरकार पर कोरोना के दौरान पर्याप्त कदम न उठाने का आरोप लगा रही है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार राज्य के हिस्से का 1600 करोड़ रुपये नहीं जारी कर रही है। उन्होंने ने स्वीकार किया कि सरकार का राजस्व घट रहा है लेकिन उन्होंने कहा कि 20 अप्रैल को जिन इलाकों में कोरोना नहीं है वहां पर कारोबार शुरु करने के बारे मे निर्णय लिया जाएगा। थोरात ने कहा कि हमनें जीएसटी की बकाया 1600 करोड़ के अलावा केंद्र सरकार से 25 हजार करोड़ के पैकेज की मांग की है। 


 

Created On :   17 April 2020 8:17 PM IST

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