मुस्लिम आरक्षण को लेकर विधानसभा  में चर्चा के बाद गरमाई राजनीति

Politics heats up after discussion in the assembly regarding Muslim reservation
मुस्लिम आरक्षण को लेकर विधानसभा  में चर्चा के बाद गरमाई राजनीति
मलिक ने साफ किया यह संभव नहीं मुस्लिम आरक्षण को लेकर विधानसभा  में चर्चा के बाद गरमाई राजनीति

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुस्लिम आरक्षण को लेकर एमआईएम द्वारा महानगर में रैली किए जाने के बाद राज्य में मुस्लिम आरक्षण का मसला गर्मा गया है। गुरुवार को विधानसभा में राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक के यह साफ किए जाने के बाद कि मुस्लिम आरक्षण संभव नहीं है, सत्ताधारी कांग्रेस-राकांपा के मुस्लिम नेताओं में नाराजगी है।

शुक्रवार को प्रदेश कांग्रेस के कार्याध्यक्ष व पूर्व मंत्री नसीम खान ने पार्टी के सभी मंत्रियों, विधायकों व सांसदों को पत्र लिख कर मुस्लिम आरक्षण सहित अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए जरुरी कदम उठाने की मांग की। पूर्व मंत्री खान ने विधानभवन में कांग्रेस विधायक दल के नेता व राजस्व मंत्री बाला साहेब थोरात से मुलाकात कर मुस्लिम आरक्षण को लेकर चर्चा की। खान ने विधानभवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस-राकांपा ने अपने चुनाव घोषणा पत्र में मुस्लिम आरक्षण का वादा किया है।

हाईकोर्ट ने भी शिक्षा में मुस्लिम समाज को 5 फीसदी आरक्षण देने पर सहमति जताई थी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा अभी खत्म नहीं हुआ है। इसको लेकर मैंने पार्टी के सभी मंत्रियों, विधायकों व सांसदों को पत्र लिख कर इस मसले पर ध्यान दिलाया है। इसके पहले गुरुवार को सपा के अबू आसिम आजमी ने विधानसभा में मुस्लिम आरक्षण का मसला उठाया था। इस दौरान अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मलिक ने कहा था कि आरक्षण पर 50 फीसदी की सीमा होने की वजह से मुस्लिम समाज को आरक्षण नहीं दिया जा सकता। आरक्षण के लिए केंद्र सरकार को 50 फीसदी की सीमा खत्म करनी होगी। सूत्रों के अनुसार मलिक की तरफ से मुस्लिम आरक्षण को लेकर स्थिति साफ किए जाने को लेकर सत्ताधारी दलों के मुस्लिम नेताओं में नाराजगी है। सपा विधायक आजमी ने कहा कि क्या कांग्रेस-राकांपा नेताओं को यह बात पहले नहीं पता था की आरक्षण की 50 फीसदी सीमा के चलते मुस्लिम आरक्षण संभव नहीं है? महा आघाडी सरकार को समर्थन दे रहे आजमी ने कहा कि इस सरकार का यह रवैया ठीक नहीं है।

ओवैसी बताए मुस्लिम आरक्षण का रास्ताः मलिक
राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने विधान भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि एमआईएम के नेता कहते हैं कि हम आरक्षण को लेकर मुस्लिम समाज को बरगला रहे हैं पर यह हमारा काम नहीं है। हम जो कहते हैं, वह करते हैं। उन्होंने कहा कि एमआईएम अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी बैरिस्टर हैं, वे ही बताए कि किस तरह मुस्लिम आरक्षण दिया जा सकता है। बगैर कानून में संशोधन के मुस्लिम आरक्षण नहीं दिया जा सकता। यदि उनके पास कोई और रास्ता हो तो बताए।   

Created On :   24 Dec 2021 7:11 PM IST

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