ईंट भट्ठों से बढ़ रहा पोल्यूशन, दमा और आंखों में जलन जैसी बीमारियां फैल रहीं

Pollution rising from brick kilns, diseases like asthma and eye irritation are spreading.
ईंट भट्ठों से बढ़ रहा पोल्यूशन, दमा और आंखों में जलन जैसी बीमारियां फैल रहीं
खतरा ईंट भट्ठों से बढ़ रहा पोल्यूशन, दमा और आंखों में जलन जैसी बीमारियां फैल रहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  ईंट भट्ठों के प्रदूषण से नागरिकों को काफी परेशान होना पड़ रहा है। खासकर आउटर रोड से करीब की बस्तियों के नागरिकों के लिए जानलेवा स्थिति बनने लगी है। दमा, श्वास व आंखों में जलन की बीमारी फैल रही है। इस समय निर्माण कार्य में बढ़ोतरी हुई है। लिहाजा कुछ स्थान पर तो अस्थायी ईंट भट्‌ठे तैयार भी होने लगे हैं। उधर गट्टू व सीमेंट ईंट के निर्माण से फैल रहे प्रदूषण पर भी समुचित नियंत्रण नहीं है। नारा गांव के पास संत गजानननगर में चल रहे ईंट भट्ठे को लेकर नागरिकों ने कहा है कि जनप्रतिनिधि भी इस मामले में ध्यान नहीं दे रहे हैं। सुबह व शाम के समय बस्ती में रहना मुश्किल हो जाता है।

जल्द तैयार हो उपाययोजना
पहले कोराड़ी थर्मल पावर स्टेशन से निकलने वाला धुआं परेशानी का सबब बना था। अब पावर स्टेशन में अत्याधुनिक चिमनी निर्माण से धुआं कम हुआ है, लेकिन परिसर में चल रहे छोटे बड़े भट्ठांे ने नई परेशानी कर दी है। हालांकि भट्ठा संचालक कई बार नागरिकों पर ही दबाव डालने लगते हैं। उनका दावा है कि बस्ती बनने के पहले से उनका भट्ठा चल रहा है। संत गजाननगर के नागरिक मोहित दुर्गे, राजू श्रीवास, रामसुमेर पयासी, संताेष वानखेडे, जयसिंह यादव, प्रीतम चौधरी, महाराष्ट्र विकास मंच के कार्तिक रारोकर ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द ही प्रदूषण नियंत्रण की उपाययोजना तैयार करें। 

प्रस्ताव है लेकिन अमल नहीं हुआ
भवन निर्माण कार्य से जुड़े नेता व अधिकारी खुले तौर पर गट्टू व सीमेंट ईंट िनर्माण के कारखाने चलाने लगे हैं। इनसे उड़ने वाली राख के कारण वायु प्रदूषण फैल रहा है। पर्यावरण संरक्षक संस्था से जुड़े नरेंद्र लिल्हारे ने कहा है कि शहर के भीतर चल रहे इन िनर्माण कार्य के अड्डों पर एक साथ कार्रवाई करने की आवश्यकता है। नागपुर के आसपास वैसे भी पहले से ही बड़े स्तर पर ईंट भट्ठेे चल रहे हैं। ग्राम पंचायत व नगरपरिषद के लोगों से साठगांठ करके नियमों का उल्लंघन किया जाता है। हिंगना, वानाडोंगरी से लेकर वाड़ी तक इन निर्माण कार्यों के वास्तविक स्थित को देखा जा सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता इब्राहिम खान ने कहा है कि ईंट भट्ठा संचालकों पर नियंत्रण नहीं रह गया है। नासुप्र की जमीन पर चल रहे भट्ठेे को भीलगांव, पांचगांव क्षेत्र में स्थानांतरित करने का प्रस्ताव है, लेकिन उस प्रस्ताव पर अमल नहीं हो पा रहा है।

कारोबार में कई नेता हैं शामिल
उत्तर, पूर्व व दक्षिण नागपुर में आउटर रोड के पास कई भट्ठेे हैं। यशोधरानगर क्षेत्र में भट्ठांे के कारण एक चौक का नाम ईंट भट्ठा चौक ही कर दिया है। इस परिसर में ईंट निर्माण से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासन प्रयास कर रहा है। लेकिन भट्ठांे को दूर नहीं कर पा रहा है। नागपुर सुधार प्रन्यास की जमीन का इस्तेमाल भी इन भट्ठांे के लिए हो रहा है। भट्ठांे के लिए मिट्टी खाेदने व मार्ग में गड्ढे होने से बच्चों की मौत के मामले पहले घटित हो चुके हैं। पांजरा, उप्पलवाड़ी, गुलशननगर, विनोबाभावे नगर, वांजरा वांजरी से लेकर कलमना बस्ती तक कई स्थानों पर ईंट भट्ठेे हैं। दक्षिण नागपुर के दिघोरी, हुड़केश्वर क्षेत्र में तो घनी बस्ती में भी भट्ठेे चल रहे हैं। गट्टू व सीमेंट ईंट के कारोबार में कई नेता भी शामिल हैं। 

Created On :   2 Dec 2021 3:01 PM IST

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