ग्रामीण आदिवासी युवाओं को टेक्नोसेवी बनाने की तैयारी

Preparation to make rural tribal youth techno-savvy
ग्रामीण आदिवासी युवाओं को टेक्नोसेवी बनाने की तैयारी
ग्रामीण आदिवासी युवाओं को टेक्नोसेवी बनाने की तैयारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  लॉकडाउन के कारण बदली जीवनशैली और कार्यप्रणाली में टेक्नोलॉजी की भूमिका अहम हो गई है। जो खुद को टेक्नोसेवी नहीं बनाएगा, वह इस प्रतिद्वंद्वी युग में पीछे रह जाएगा। इसी जरूरत को समझते हुए केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय ने फेसबुक के साथ करार कर 5 हजार ग्रामीण अादिवासी युवाओं को टेक्नोसेवी बनाने की तैयारी की है। "गोल" नामक इस योजना के तहत युवाओं को सूचना और कौशल विकास उपक्रमों के प्रति जागरूकता, डिजिटल साक्षरता और टेक्नोलॉजी की मदद से आजीविका कमाने के कई उपाय बताएं जाएंगे।

2500 मेंटर नियुक्त
18 से 35 वर्ष के बीच के अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के युवा इसमें आवेदन कर सकेंगे। उपक्रम के तहत उन्हें  एक स्मार्ट फोन और 1 वर्ष का इंटरनेट दिया जाएगा।  यह कुल 7 महीने का मेंटरशिप प्रोग्राम होगा। उसके बाद युवाओं से 2 माह की इंटर्नशिप भी कराई जाएगी। विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र, इंडस्ट्री विजिट और अन्य कई वस्तुएं उपलब्ध कराई जाएंगी। देशभर में 2500 विशेषज्ञों को बतौर मंेटर नियुक्त किया जाएगा। विदर्भ के नागपुर ग्रामीण, गोंदिया, भंडारा, गड़चिरोली जैसे आदिवासी बहुल क्षेत्र के कई युवाओं को इससे लाभ होगा। नागपुर के मातृसेवा संघ समाजकार्य महाविद्यालय को विदर्भ का सेंटर ऑफ एक्सिलेंस चुना गया है। डॉ. केशव वालके इसका नेतृत्व करेंगे। उम्मीदवार मंत्रालय की www.goal.tribal.gov.in वेबसाइट पर या महाविद्यालय से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।   

Created On :   6 July 2020 10:47 AM GMT

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