नागपुर में तीसरी लहर से निपटने की तैयारी , एम्स में कैथलैब, एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की भी सुविधा

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नागपुर में तीसरी लहर से निपटने की तैयारी , एम्स में कैथलैब, एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की भी सुविधा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में नॉन कोविड मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। शहर के शासकीय अस्पतालों में मरीजों की लाइन लगने लगी है। इस बीच एक अच्छी खबर आई है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान केंद्र, नागपुर (एम्स) में भी अब हार्ट सर्जरी शुरू हो गई है। नागपुर में अब तक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में हार्ट सर्जरी होती थी। अब एम्स में भी कैथलैब स्थापित की गई है। यहां पर कार्डिएक एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।

30 प्रतिशत मरीज नागपुर के बाहर के
मेडिकल से जुड़े सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में हृदय रोग के इलाज के लिए 1998 में कैथलैब स्थापित की गई थी। गरीबों के हृदय रोग के इलाज के लिए एक मात्र सुपर ही विकल्प था। इसलिए यहां इलाज के  लिए लंबी सूची होती थी। एक दिन में 4 से अधिक एंजियोप्लास्टी नहीं होती थी। हालांकि नागपुर ग्रामीण के बुटीबोरी के एम्स में एक नई व्यवस्था तैयार की है। मध्य भारत में मध्य प्रदेश, उत्तरांचल, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से लगभग 30% मरीज इलाज के लिए नागपुर आते हैं। इन मरीजों के लिए एम्स का हृदय विभाग वरदान साबित होगा।

रिश्तेदारों के लिए आश्रय
विदर्भ के विभिन्न हिस्सों सहित चार राज्यों से आने वाले गरीब मरीजों के परिजनों के लिए सुपर स्पेशलिटी में शेल्टर नहीं है। मेयो अस्पताल में भी परिसर में ही मरीज के परिजन रुकते हैं, लेकिन एम्स में मरीजों के परिजनों के लिए भी शेल्टर बनाया गया है।

किडनी का इलाज भी शुरू  
एम्स के निदेशक डॉ. विभा दत्ता के मार्गदर्शन में एम्स का तेजी से विकास हो रहा है। हृदय विभाग तैयार है। यहां जल्द ही दिव्यांग कल्याण केंद्र की योजनाओं का लाभ दिव्यांगों को मिलेगा। किडनी विकारों का भी इलाज शुरू हो गया है। मरीजों के परिजनों के लिए आश्रय सबसे गंभीर समस्या है। यह सुविधा भी एम्स में उपलब्ध है। -डॉ. मनीष श्रीगिरिवार, चिकित्सा अधीक्षक, एम्स, नागपुर।

Created On :   21 July 2021 5:09 AM GMT

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