नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने की तैयारी, इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं

Preparing to start a new academic session, not just infrastructure
नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने की तैयारी, इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं
नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने की तैयारी, इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर । राज्य सरकार द्वारा अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को एेच्छिक करने के बाद अब नए एकेडमिक सत्र की शुरुआत की तैयारियां होने लगी हैं। राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने तो अपना एकेडमिक कैलेंडर जारी करके अगस्त में नया शैक्षणिक सत्र शुरू करने की घोषणा भी कर दी है, लेकिन शहर में उच्च शिक्षा प्रणाली को पटरी पर लाना इतना आसान नहीं है। एकेडमिक सत्र शुरू करने के लिए शिक्षा संस्थाओं के पास पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं है। कई संस्थाओं की इमारतें और हॉस्टल प्रशासन ने अपने अधीन ले रखे हैं। इन्हें मुक्त करने की दिशा में कोई गाइडलाइन नहीं जारी हुई है। प्रदेश भर में राज्य सरकार ने कुल 41 कॉलेजों और 198 हॉस्टल की इमारतें लेकर उन्हें क्वारेंटाइन सेंटर बनाया हुआ है। शहर में करीब 20 हॉस्टल को मनपा ने अपने अधीन ले रखा है। नागपुर और प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। स्पष्ट है कि सरकार जल्द इन इमारतों को मुक्त नहीं करेगी। ऐसी स्थिति में शैक्षणिक सत्र शुरू करना शिक्षा संस्थाओं के लिए मुश्किल हो गया है। 

शहर की ये संस्थाएं शामिल
 इसमें नागपुर विश्वविद्यालाय के लॉ कॉलेज चौक स्थित लोअर हॉस्टल और गांधीनगर के गर्ल्स हॉस्टल, कृषि विश्वविद्यालय के 4 हॉस्टल, राजनगर स्थित पीडब्लूएस क्वार्टर, सिविल लाइंस स्थित वसंतराव वसंतराव नाईक शासकीय महाविद्यालय गर्ल्स हॉस्टल, अजनी का नया पुलिस क्वार्टर, पशु चिकित्सा महाविद्यालय हॉस्टल, इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के दो हॉस्टल, दक्षिण अंबाझरी मार्ग स्थित शासकीय औद्योगिक प्रशिक्षण छात्रावास, गणेशपेठ स्थित रॉय उद्योग छात्रावास, काटोल रोड स्थित रामदेवबाबा इंजीनियरिंग के दोनों हॉस्टल और दिघोरी के आउटर रिंग रोड पर स्थित छतरपुर फार्म का समावेश है। इनमें से कई हॉस्टल अब भी मनपा के अधीन है। 

किराए पर छत मिलना मुश्किल
 एक ओर जहां विविध शिक्षा संस्थाओं के हॉस्टल मनपा ने अपने अधीन ले रखे हैं, जिनमें से कई क्वारेंटाइन सेंटर के रूप में उपयोग में लिए जा रहे  है। वहीं दूसरी ओर संक्रमण के इस दौर में किराए पर कमरा या निजी पर लेना-देना इतना सहज नहीं रह गया है। लोग भी अब विद्यार्थियों को कुछ दिनों तक अपने कमरे या फ्लैट किराए पर देने से बचते रहेंगे। उल्लेखनीय है कि नागपुर में देश के विविध राज्यों से विद्यार्थी शिक्षा लेने आते हैं। पूर्वोत्तर से लेकर तो लेह-लद्दाख जैसे दुर्गम क्षेत्रों के विद्यार्थी भी नागपुर में शिक्षा लेते हैं। ऐसे में नय एकेडमिक सत्र शुरू करने के पूर्व इन विद्यार्थियों के लौटने और रहने के प्रबंध करना भी जरूरी है।

Created On :   23 Jun 2020 8:14 AM GMT

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