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स्वास्थ्य प्रणाली के लिए मिलने वाले सीएसआर फंड का ब्योरा पेश करें - कोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर। स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए शासन की मदद करना जरूरी है। इसके लिए सामाजिक उत्तरदायित्व निधि (सीएसआर) की आवश्यकता के बावजूद सामाजिक व निजी क्षेत्र की कुछ कंपनियां उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना कर रही हैं। सीएसआर फंड का ब्योरा छिपाया जा रहा है। अत: नागपुर व अमरावती के विभागीय आयुक्त ऐसी कंपनियों के पास उपलब्ध सीएसआर फंड का ब्योरा संकलित कर अदालत में पेश करें। मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ के न्यायमूर्ति द्वय सुनील शुक्रे व अविनाश घारोटे ने यह आदेश दिए हैं।
जनहित याचिका पर हुई सुनवाई
कोरोना को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत द्वारा यह आदेश जारी किए गए हैं। सुनवाई के दौरान प्रशासन ने अपना पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि कोरेाना काल में स्वास्थ्य प्रणाली बुरी तरह प्रभावित हुई है। आगामी दिनों में कोरोना की तीसरी लहर आने का अंदेशा है। इसका सामना करने के लिए स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूत करना जरूरी है। प्रशासन इसके लिए प्रयत्नशील है, लेकिन एनटीपीसी, महानिर्मिती व महावितरण जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां तथा तिरोड़ा आैष्णिक विद्युत प्रकल्प व चंद्रपुर जिले की बड़ी सीमेंट कंपनियां सीएसआर निधि उपलब्ध कराने के मामले में आदेश की अवमानना कर रही हैं। इस चुनौतिपूर्ण स्थिति में सामाजिक जिम्मेदारी सिद्ध की जानी चाहिए। इस मामले मेंे कुछ कंपनियों द्वारा नकारात्मक भूमिका निभाई जा रही है। परिस्थिति के मद्देनजर इन कंपनियों की जानकारी व उनके पास उपलब्ध सीएसआर फंड का ब्योरा संकलित कर निधि का उपयोग स्वास्थ्य प्रणाली के लिए उपलब्ध करा देने का निवेदन अगली सुनवाई तक तैयार कर अदालत में अपना पक्ष रखने के आदेश उच्च न्यायालय ने दिए हैं।
म्यूकर माइकोसिस की दवा के दाम कम करें
कोरोना के साथ ही अनेक लोग म्यूकर माइकोसिस के शिकार हो रहे हैं। इस बीमारी से गत 15 दिन में 26 लाेगों की मौत हुई है, जबकि 43 लोगों को दृष्टिहीनता का शिकार होना पड़ा है। पिछले दो दिन में इस बीमारी से 109 लोगों के पीड़ित होने की जानकारी मिली है। इस बीमारी के उपचार के लिए उपलब्ध दवाएं महंगी हैं। साथ ही दवा की किल्लत भी हो रही है। राहत के लिए नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइजिंग अथॉरिटी द्वारा दवाओं के दाम कम कर उसे नियंत्रित करें, साथ ही केंद्र सरकार के दवा नियंत्रकों द्वारा दवा उत्पादक देश की 15 कंपनियाें से उत्पादन व वितरण प्रणाली नियंत्रित कर प्रत्येक राज्य को रोगियों की संख्या के हिसाब से दवा उपलब्ध कराएं। अमरावती व नागपुर विभागीय आयुक्त द्वारा समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित करवाकर बीमारी के प्रति जनजागृति करने के आदेश उच्च न्यायालय ने दिए हैं।
Created On :   20 May 2021 2:16 PM IST