जिला परिषद में 37 करोड़ 53 लाख का बजट पेश, स्कूलों को डिजिटल बनाने का लक्ष्य

Presenting a budget of 37 crores 53 lakhs in Nagpur Zilla Parishad
जिला परिषद में 37 करोड़ 53 लाख का बजट पेश, स्कूलों को डिजिटल बनाने का लक्ष्य
जिला परिषद में 37 करोड़ 53 लाख का बजट पेश, स्कूलों को डिजिटल बनाने का लक्ष्य

डिजिटल डेस्क,नागपुर। जिला परिषद स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने की दृष्टि से डिजिटल स्कूल का लक्ष्य सामने रख बजट में प्रावधान किया गया है। जिला परिषद वित्त समिति सभापति उकेश चौहान ने आमसभा में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 37 करोड़, 53 लाख 5047 रुपए का बजट पेश किया। जिसमें  उन्होंने बजट भाषण में ग्रामीण क्षेत्र में विकास की रफ्तार के साथ बढ़ती आर्थिक संपन्नता और समस्याओं का संतुलन बनाए रखने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में सामान्य जनता का जीवनस्तर ऊंचा उठाने  गुणवत्तापूर्ण मूलभूत सुविधा, आश्वासित सेवा तथा कर्तव्यतत्पर नागरी प्रशासन प्रदान करने का विचार व्यक्त किया।

डीबीटी पर किया जा रहा अमल
वित्त सभापति ने कहा कि जिला परिषद स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने की दृष्टि से डिजिटल स्कूल का लक्ष्य सामने रख बजट में प्रावधान किया गया है। जिप के इस कदम से जिप स्कूलों के विद्यार्थियों का मानसिक तथा शैक्षणिक विकास को बढ़ावा मिलने का   विश्वास है। व्यक्तिगत लाभ योजनाओं का सीधे लाभार्थी के खाते में अनुदान जमा करने की दृष्टि से सीधे लाभ हस्तांतरण याेजना (डीबीटी) पर अमल किया जा रहा है। विकास योजनाओं के लिए वस्तुओं की खरीदी के लिए सरकारी स्तर के निविदा पोर्टल "जेम" के माध्यम से खरीदी अनिवार्य की गई है। सरकारी स्तर पर किए गए बदलाव के अनुसार निर्धारित खरीदी प्रक्रिया अपनाकर लाभार्थियों को सरकारी योजनाओं का समय पर लाभ पहुंचाने के लिए जिला परिषद कटिबद्ध है। जिप अध्यक्ष निशा सावरकर की अध्यक्षता में आबासाहब खेड़कर सभागृह में आमसभा हुई। उपाध्यक्ष शरद डोनेकर, सभापति दीपक गेडाम, पुष्पा वाघाड़े, आशा गायकवाड़, सीईओ डॉ. कादंबरी बलकवड़े, एडिशनल सीईओ अंकुश केदार तथा विविध विभागों को विभाग प्रमुख उपस्थित थे।

कृषि विभाग की फूटी कौड़ी खर्च नहीं
कृषि विकास के लिए बड़ी-बड़ी घोषणाएं की जा रही हैं। वहीं जिला परिषद द्वारा किसानों की व्यक्तिगत लाभ योजनाओं पर फूटी कौड़ी भी खर्च नहीं होने का आमसभा में विपक्ष द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में खुलासा हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष में 1 करोड़ 50 लाख रुपए का व्यक्तिगत लाभ योजनाओं पर प्रावधान किया गया था। इसमें से फूटी कौड़ी भी खर्च नहीं हो पाने से विपक्ष ने जिला परिषद प्रशासन पर आकार्यक्षमता के आरोप लगाए। अन्य विभागों का भी कमोबेश यही हाल है। व्यक्तिगत लाभ योजनाओं का मुश्किल से 25 प्रतिशत निधि खर्च होने का वित्त सभापति ने मान्य किया। 31 मार्च तक ज्यादा से ज्यादा निधि खर्च करने का सदन को आश्वस्त किया। 

कृषि सभापति ने डीबीटी रद्द करने का प्रस्ताव रखा
कृषि समिति सभापति आशा गायकवाड़ ने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने से पहले वस्तु की खरीदी करना उनके बस में नहीं है। किसानों को व्यक्तिगत योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए कृषि विभाग की योजनाओं को डीबीटी मुक्त करनी चाहिए। इस आशय का प्रस्ताव उन्होंने सदन में रखा, जिसे सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों ने समर्थन दिया।

वास्तविक बजट
इस वर्ष बजट में अखर्चित निधि बिना जोड़े वास्तविक आंकड़े पेश किए गए हैं। मई महीने की आमसभा में पूरक बजट पेश कर अखर्चित निधि का पूनर्नियोजन किया जाएगा। इस लिहाज से पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष का बजट अपने-आप में बड़ा होगा। 
-उकेश चव्हाण, सभापति, वित्त समिति
सभी विभागों के साथ न्याय
सदन में पेश किए गए बजट में सभी विभागों के साथ न्याय किया गया है। पूरक बजट में अखर्चित निधि जुड़ने पर आम जनता के विकास के लिए जिला परिषद को अधिक निधि प्राप्त होगा। व्यक्तिगत योजनाओं पर अमल करने में जो दिक्कतें आ रही हैं, उन्हें दूर कर ग्रामीण जनता के साथ न्याय किया जाएगा।
- निशा सावरकर, अध्यक्ष जिला परिषद

Created On :   22 Feb 2018 1:11 PM IST

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