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8 को मांगों को लेकर प्राथामिक शिक्षक समिति देगी धरना

डिजिटल डेस्क, अमरावती । राज्य की निकाय संस्थाओं की प्राथमिक शाला, वहां के विद्यार्थी व शिक्षकों की न्यायिक मांग की ओर जानबूझकर अनदेखी हो रही है। शालेय पोषण आहार के लिए शिक्षकों को परेशान होना पड़ रहा है तथा शिक्षकों की रिक्त रहनेवाली सीटों के कारण अध्ययन पर विपरीत परिणाम हो रहा है आदि समेत अन्य 38 मांगें शासन स्तर पर प्रलंबित रहने के कारण प्राथमिक शिक्षक समिति ने 8 अगस्त को राज्य के सभी जिलो में धरना आंदोलन करने का निर्णय लिया है।
समिति का कहना है कि केंद्र प्रमुखों की 70 प्रतिशत से ज्यादा सीटंे रिक्त हंै। उनका अतिरिक्त प्रभार अनेक जिले में मुख्याध्यापक व शिक्षकों के पास है। जिससे गुणवत्ता वृद्धि में बाधा निर्माण हो रही है। सरकार ने भेदभाव न करते हुए हर विद्यार्थी को गणवेश देने की घोषणा पर अमल नहीं किया है। पुरानी पेंशन, शिक्षण सेवकों का मानधन, सातवें वेतन आयोग का बकाया, वेतन त्रुटि, स्नातकोत्तर वेतन श्रेणी, पूर्व के बस्ती शाला शिक्षकों की मांगें आदि हल करने की दृष्टि से सरकार उदासीन है। दो वर्ष शिक्षकों ने कोरोनाकाल में जान जोखिम में डालकर विविध काम किए।
विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान टालने के लिए शाला जल्द शुरू करने के लिए शिक्षक स्वयं होकर सामने आए। विद्यार्थियों का हुआ शैक्षणिक नुकसान पूर्ण करने शिक्षक अधिक परिश्रम कर रहे हंै, किंतु निकाय संस्था की शाला विद्यार्थी व शिक्षकों की मांगों पर सरकार की भूमिका नकारात्मक रहने की बात दिखाई देती है। इस कारण महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति ने सोमवार 8 अगस्त को राज्य के सभी जिले में धरना आंदोलन का आयोजन किया है। ऐसी जानकारी समिति के प्रदेशाध्यक्ष उदय शिंदे, राज्य महासचिव विजय कोंबे, राज्य उपाध्यक्ष राजन कोरगांवकर, शिक्षक नेता कालू बोरसे पाटील, शिवाजीराव साखरे, कार्याध्यक्ष राजेंद्र नवले, कोषाध्यक्ष केदू देशमाने, संगठक सयाजी पाटील, संपर्क प्रमुख राजेंद्र खेडकर, राजेश सावरकर, राजेंद्र पाटील, नप, मनपा आघाड़ी प्रमुख सुधाकर सावंत, महिला मोर्चा प्रमुख वर्षा केनवडे आदि ने दी है।
Created On :   2 Aug 2022 4:09 PM IST