देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो का शुभारंभ, पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी

देश की पहली ड्राइवरलेस मेट्रो का शुभारंभ, पीएम मोदी ने दिखाई हरी झंडी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में पहली बिना ड्राइवर वाली मेट्रो को हरी झंडी दे दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुबह 11 बजे ये सौगात दी। दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर इस ट्रेन को शुरू किया गया। ये ट्रेन जनकपुरी वेस्ट स्टेशन से बोटेनिकल गार्डेन के बीच चलेगी। इस दौरान पीएम मोदी दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर यात्रा के लिए नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड (एनसीएमसी) भी जारी किया। 

बता दें कि देश की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन का सफर 37 किलोमीटर का होगा। यह ट्रेन दिल्ली मेट्रो का हिस्सा होगी। ड्राइवरलेस ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमैटिक होगी और मानवीय गलतियों की आशंकाओं को खत्म कर देगी। देश की पहली ड्राइवरलेस ट्रेन दिल्ली मेट्रो के मजेंटा लाइन और पिंक लाइन पर चलाई जानी हैं। साल 2021 में पिंक लाइन में 57 किलोमीटर तक ड्राइवरलेस मेट्रो चलाने की योजना है, जो मजलिस पार्क से शिव विहार तक की दूरी तय करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान संबोधन में कहा, मुझे आज से लगभग 3 साल पहले मजेंटा लाइन के उद्घाटन का सौभाग्य मिला था। आज फिर इसी रुट पर देश की पहली ऑटोमेटेड मेट्रो का उद्घाटन करने का अवसर मिला। ये दिखाता है कि भारत कितनी तेजी से स्मार्ट सिस्टम की तरफ आगे बढ़ रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज नेशनल कॉमन मॉबिलिटी कार्ड से भी मेट्रो जुड़ रही है। पिछले साल अहमदाबाद से इसकी शुरूआत हुई थी। आज इसका विस्तार दिल्ली मेट्रो की एयर पोर्ट एक्सप्रेस लाइन पर हो रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में शहरों के हिसाब से अलग-अलग तरह की मेट्रो सेवाओं को शुरू करने पर जोर दिया है। यहां दिल्ली मेट्रो की मजेंटा लाइन पर सोमवार को पहली बिना ड्राइवर की मेट्रो रेल का शुभारंभ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेट्रो का विस्तार, ट्रांसपोर्ट के आधुनिक तौर-तरीकों का इस्तेमाल शहर के लोगों की जरुरतों और वहां की प्रोफेशनल लाइफस्टाइल के हिसाब से ही होना चाहिए। यही वजह है कि अलग-अलग शहरो में अलग अलग तरह की मेट्रो रेल पर काम हो रहा है।

प्रधानमंत्री ने कई तरह के शहरों के लिए अलग-अलग तरह के मेट्रो की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने आरआरटीएस सेवा का उल्लेख करते हुए कहा कि दिल्ली और मेरठ की दूरी को घटाकर यह एक घंटे से भी कम कर देगा। इसी तरह से जिन शहरों में यात्री कम हैं, वहां मेट्रोलाइट सेवा भी शुरू करने की तैयारी है। ये सामान्य मेट्रो की 40 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, जिन शहरों में सवारियां और भी कम है वहां पर मेट्रो नियो पर काम हो रहा है। ये सामान्य मेट्रो की 25 प्रतिशत लागत से ही तैयार हो जाती है। इसी तरह है वॉटर मेट्रो- ये भी आउट ऑफ द बॉक्स सोच का उदाहरण है।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मेट्रो सर्विसेस के विस्तार के लिए, मेक इन इंडिया महत्वपूर्ण है। मेक इन इंडिया से लागत कम होती है, विदेशी मुद्रा बचती है, और देश में ही लोगों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिलता है। रोलिंग स्टॉक के मानकीकरण से हर कोच की लागत अब 12 करोड़ से घटकर 8 करोड़ रह गयी है। आज चार बड़ी कंपनियां देश में ही मेट्रो कोच का निर्माण कर रही हैं। दर्जनों कंपनिया मेट्रो कंपोनेंट्स के निर्माण में जुटी हैं। इससे मेक इन इंडिया के साथ ही, आत्मनिर्भर भारत के अभियान को मदद मिल रही है।

प्रधानमंत्री मोदी ने देश में मेट्रो सेवाओं के विस्तार के पीछे सरकार की मेट्रो पॉलिसी की चर्चा की। उन्होंने कहा, हमने मेट्रो पॉलिसी चौतरफा रणनीति के साथ लागू भी किया। हमने जोर दिया स्थानीय मांग के हिसाब से काम करने पर, हमने जोर दिया स्थानीय मानकों को बढ़ावा देने पर, हमने मेक इन इंडिया के विस्तार और आधुनिक टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर दिया

Created On :   28 Dec 2020 4:16 AM GMT

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