चौरा-चोरी शताब्दी समारोह: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- कृषि कानून से छोटे किसानों को होगा बड़ा फायदा

Prime Minister Narendra Modi inaugurates centenary celebrations of Chauri-Chaura event
चौरा-चोरी शताब्दी समारोह: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- कृषि कानून से छोटे किसानों को होगा बड़ा फायदा
चौरा-चोरी शताब्दी समारोह: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले- कृषि कानून से छोटे किसानों को होगा बड़ा फायदा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चौरी-चौरा शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया है। इस अवसर पर पीएम मोदी ने एक डाक टिकट भी जारी किया। पीएम मोदी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, चौरी चौरा की पवित्र भूमि पर देश के लिए बलिदान होने वाले, देश के स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा देने वाले वीर शहीदों के चरणों में मैं प्रणाम करता हूं, आदरपूर्वक श्रद्धाजंलि देता हूं।

पीएम मोदी ने कहा, 100 वर्ष पहले चौरी चौरा में जो हुआ वो सिर्फ एक आगजनी की घटना, एक थाने में आग लगा देने की घटना नहीं थी, चौरी चौरा का संदेश बहुत बड़ा था, बहुत व्यापक था। अनेक वजहों से पहले जब भी चौरी चौरा की बात हुई, उसे एक मामूली आगजनी के संदर्भ में ही देखा गया। लेकिन आगजनी किन परिस्थितियों में हुई, क्या वजह थी, ये भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। आग थाने में नहीं लगी थी, आग जन-जन के दिलों में प्रज्ज्वलित हो चुकी थी। चौरी-चौरा के ऐतिहासिक संग्राम को आज देश के इतिहास में जो स्थान दिया जा रहा है, उससे जो जुड़ा हुआ प्रयास हो रहा है वो प्रशंसनीय है।

किसानों को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि देश की तरक्की में किसानों ने अहम योगदान किया है। हमारी सरकार ने मंडियों को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं। कृषि कानूनों से मंडियां मजबूत होंगी। कृषि कानूनों से देश के छोटे किसानों को बड़ा फायदा होगा। किसानों के लिए हमारी सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर फंड भी बढ़ा दिया है। कृषि कानून से किसान आत्मनिर्भर बनेगा। 

 

 

पीएम मोदी ने कहा,  इस साल जब देश अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है, उस समय ऐसे सामारोहों का होना इसे और भी प्रासंगित बना देता है। आज से शुरू हो रहे ये कार्यक्रम पूरे साल आयोजित किए जाएंगे। इस दौरान चौरी-चौरा के साथ ही हर गांव, हर क्षेत्र के वीर बलिदानियों को भी याद किया जाएगा। चौरी चौरा शताब्दी के इन कार्यक्रमों को लोकल कला, संस्कृति और आत्मनिर्भरता से जोड़ने का प्रयास किया गया है। ये प्रयास भी हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति हमारी श्रद्धांजलि होगी। पीएम मोदी ने कहा, सामूहिकता की जिस शक्ति ने गुलामी के बेड़ियों को तोड़ा था, वही शक्ति भारत को दुनिया की बड़ी ताकत भी बनाएगी। सामूहिकता की यही शक्ति आत्मनिर्भर भारत अभियान का मूलभूत आधार है।

पीएम मोदी ने कहा, पीएम मोदी ने कहा, कोरोना काल में भारत ने दुनिया के 150 से ज्यादा देशों के नागरिकों की मदद के लिए दवाइयां भेजी। भारत ने दुनिया के अलग अलग देशों से अपने 50 लाख से अधिक नागरिकों को स्वदेश लाने का काम किया। जब भारत ने अनेकों देशों के हजारों नागरिकों को सुरक्षित उनके देश भेजा। आज भारत खुद कोरोना की वैक्सीन बना रहा है। दुनिया के बड़े बड़े देशों से भी तेज गति से टीकाकरण कर रहा है। भारत मानव जीवन की रक्षा के लिए दुनिया भर को वैक्सीन पहुंचा रहा है। तो हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की आत्मा को गर्व महसूस होता होगा।

 

क्या है चोरा-चोरी कांड
भारत के इतिहास में 4 फरवरी 1922 को स्थानीय लोग चौरी-चौरा कस्बे में, महात्मा गांधी के शुरू किए गए असहयोग आंदोलन के समर्थन में जुलूस निकाल रहे थे। सभी सत्याग्रही भोपा बाजार जुटे थे। उन्हीं में से एक की गांधी टोपी को एक सिपाही ने पांवों तले रौंद दिया था। तभी स्थानीय पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। आक्रोशित सत्याग्रहियों पुलिसवालों को खूब दौड़ाया। पुलिसवाले भागकर थाने में छिप गए। पुलिस ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें तीन सत्याग्रही मौके पर शहीद हो गए। इससे प्रदर्शनकारियों का आक्रोश भड़क गया। तब पुलिस वाले थाने में छिप गए, लेकिन लोगों ने बाहर से कुंडी लगाकर थाने में आग लगा दी। दारोगा समेत 23 पुलिसकर्मियों को जला दिया था, जिसमें 19 लोगों को फांसी की सजा हुई थी। इस घटना में 50 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। घटना की प्रतिक्रिया में, अहिंसा के पैरोकार महात्मा गांधी ने असहयोग आंदोलन वापस ले लिया। हालांकि चौरी-चौरा काण्ड में 172 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई थी। बतौर वकील पंडित मदन मोहन मालवीय की पैरवी से इनमें से 151 लोग फांसी की सजा से बच गये। बाकी 19 लोगों को 2 से 11 जुलाई 1923 के दौरान फांसी दे दी गई। इस घटना में 14 लोगों को उम्र कैद और 10 लोगों को 8 साल सश्रम कारावास की सजा हुई। जिन लोगों को फांसी दी गई, उनकी याद में एक स्मारक बनाया गया। 

Created On :   4 Feb 2021 4:01 AM GMT

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