देव दिवाली मोदी वाली: काशी में गंगा घाट से बोले PM मोदी- काश्यां हि काशते काशी, काशी सर्वप्रकाशिका

Prime Minister Narendra Modis address in Varanasi Prime Minister Narendra Modi on Varanasi tour
देव दिवाली मोदी वाली: काशी में गंगा घाट से बोले PM मोदी- काश्यां हि काशते काशी, काशी सर्वप्रकाशिका
देव दिवाली मोदी वाली: काशी में गंगा घाट से बोले PM मोदी- काश्यां हि काशते काशी, काशी सर्वप्रकाशिका

डिजिटल डेस्क, वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज भगवान शिव की नगर काशी में हैं। काशी यानी वाराणसी पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र भी है। पीएम मोदी यहां देव दीपावली पर आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए आए हैं। हालांकि इस दौरान उन्होंने कई अन्य कार्यक्रमों भी भाग लिया है। पीएम मोदी ने सोमवार शाम को काशी के गंगा घाट पर लोगों को संबोधित किया। 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, काशी कोतवाल की जय, माता अन्नपूर्णा की जय, मां गंगा की जय। जो बोले सो निहाल, सत् श्री अकाल।आपको देव दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं। सभी को गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व की बहुत-बहुत बधाई। कोरोना काल ने भले ही काफी कुछ बदल दिया है। लेकिन काशी की ये ऊर्जा, काशी की ये भक्ति, ये शक्ति, इसे कोई नहीं बदल सकता।सुबह से ही काशीवासी स्नान, ध्यान और दान में लगे हैं। काशी वैसी ही जीवंत हैं, काशी की गलियां वैसी ही ऊर्जा से भरी हैं। काशी के घाट वैसे ही दिव्यमान हैं। 

पीएम मोदी ने कहा,आपने सुना होगा, कल मन की बात में भी मैंने इसका जिक्र किया था। 100 साल से भी पहले माता अन्नपूर्णा की जो मूर्ति काशी से चोरी हो गई थी, वो फिर वापस आ रही है। माता अन्नपूर्णा एक बार फिर अपने घर लौटकर वापस आ रही हैं। आज मां गंगा के सानिध्य में काशी प्रकाश का उत्सव मना रही है। मुझे भी महादेव के आशीर्वाद से इस प्रकाश गंगा में डुबकी लगाने का सौभाग्य मिल रहा है।

पीएम मोदी ने कहा, हर युग में काशी के इस प्रकाश से किसी ना किसी महापुरुष की तपस्या जुड़ जाती है और काशी दुनिया को रास्ता दिखाती है।उनका ध्यान परिवार की विरासत को बचाने में रहा। हमारा ध्यान देश की विरासत को बचाने और उसे संरक्षित करने में हैं। हमारे लिए विरासत का मतलब है देश की धरोहर।जबकि कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब होता है, अपना परिवार और अपने परिवार का नाम। 

पीएम मोदी ने कहा, हमारे लिए विरासत का मतलब है हमारी संस्कृति, हमारी आस्था, हमारे मूल्य।उनके लिए विरासत का मतलब है अपनी प्रतिमाएं, अपने परिवार की तस्वीरें। हमारे देवी देवताओं की ये प्राचीन मूर्तियाँ, हमारी आस्था के प्रतीक के साथ ही हमारी अमूल्य विरासत भी हैं। ये बात भी सही है कि इतना प्रयास अगर पहले किया गया होता, तो ऐसी कितनी ही मूर्तियां, देश को काफी पहले वापस मिल जातीं। लेकिन कुछ लोगों की सोच अलग रही है। काशी के लिए एक और भी विशेष अवसर है। 

पीएम मोदी ने कहा, काश्यां हि काशते काशी, काशी सर्वप्रकाशिका अर्थात- काशी तो आत्मज्ञान से प्रकाशित होती है। इसलिए काशी सबको, पूरे विश्व को प्रकाश देने वाली है। पथ प्रदर्शन करने वाली है। आज हम जिस देव दीपावली के दर्शन कर रहे हैं, इसकी प्रेरणा पहले पंचगंगा घाट पर आदि शंकराचार्य जी ने दी थी, बाद में अहिल्याबाई होल्कर जी ने इस परंपरा को आगे बढ़ाया।

पीएम मोदी ने कहा, आज जब काशी की विरासत लौट रही है तो ऐसा लग रहा है कि काशी माता अन्नपूर्णा के आगमन की खबर सुनकर सजी-संवरी हो।लाखों दीपों से काशी के 84 घाटों का जगमग होना अद्भुद है। गंगा की लहरों में ये प्रकाश इस आभा को और भी अलौकिक बना रहा है। उनके द्वारा स्थापित 1,000 दीपों का स्तंभ आज भी इस परंपरा का साक्षी है।

पीएम मोदी ने कहा, काशी की ये भावना, देव दीपावली की परंपरा का ये पक्ष भावुक कर जाता है।ऐसा लग रहा है जैसे आज पूर्णिमा पर देव दीपावली मनाती काशी, महादेव के माथे पर विराजमान चन्द्रमा की तरह चमक रही है। काशी की महिमा ही ऐसी है। इस अवसर पर मैं देश की रक्षा में अपनी शहादत देने वाले, हमारे सपूतों को नमन करता हूं। हमारे महापुरुषों ने लिखा है-काशी के लोग ही देव स्वरूप हैं। काशी के नर-नारी तो देवी और शिव के रूप हैं। इसलिए इन 84 घाटों पर इन दीपों को आज देवता ही प्रज्ज्वलित कर रहे हैं। आज ये दीपक उन आराध्यों के लिए भी जल रहे हैं जिन्होंने देश के लिए अपने प्राण बलिदान किए हैं। 

पीएम मोदी ने कहा, हमारे लिए विरासत का मतलब है देश की धरोहर! जबकि कुछ लोगों के लिए विरासत का मतलब होता है, अपना परिवार और अपने परिवार का नाम। हमारे लिए विरासत का मतलब है हमारी संस्कृति, हमारी आस्था, हमारे मूल्य! उनके लिए विरासत का मतलब है अपनी प्रतिमाएं, अपने परिवार की तस्वीरें। लेकिन जब उन सुधारों की सार्थकता सामने आने लगती है तो सबकुछ ठीक हो जाता है। यही सीख हमें गुरुनानक देवजी के जीवन से मिलती है।

पीएम मोदी ने कहा, आज हम रिफॉर्म्स की बात करते हैं, लेकिन समाज और व्यवस्था में रिफॉर्म्स के बहुत बड़े प्रतीक तो स्वयं गुरु नानक देव जी ही थे।लेकिन आज बाबा की कृपा से काशी का गौरव पुनर्जीवित हो रहा है। काशी के लिए जब विकास के काम शुरू हुये थे, विरोध करने वालों ने सिर्फ विरोध के लिए विरोध तब भी किया था। जब काशी ने तय किया था कि बाबा के दरबार तक विश्वनाथ कॉरिडॉर बनेगा, विरोध करने वालों ने तब इसे लेकर भी काफी कुछ कहा था।

पीएम मोदी ने कहा, सदियों पहले, बाबा के दरबार का माँ गंगा तक जो सीधा संबंध था, वो फिर से स्थापित हो रहा है। हमने ये भी देखा है कि जब समाज, राष्ट्रहित में बदलाव होते हैं, तो जाने-अनजाने विरोध के स्वर ज़रूर उठते हैं। इस बार के पर्व, इस बार की दीपावली जैसे मनाई गई, जैसे देश के लोगों ने लोकल प्रोडक्ट और लोकल गिफ्ट्स के साथ अपने त्योहार मनाए वो वाकई प्रेरणादाई है।लेकिन ये सिर्फ त्योहार के लिए नहीं, ये हमारी जिंदगी का हिस्सा बनने चाहियें।

पीएम मोदी ने कहा, काशी के लिए जब विकास के काम शुरू हुये थे, विरोध करने वालों ने सिर्फ विरोध के लिए विरोध तब भी किया था।जब काशी ने तय किया था कि बाबा के दरबार तक विश्वनाथ कॉरिडॉर बनेगा,भव्यता, दिव्यात के साथ श्रद्धालुओं की सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। विरोध करने वालों ने तब इसे लेकर भी काफी कुछ कहा था। लेकिन आज बाबा की कृपा से काशी का गौरव पुनर्जीवित हो रहा है।

पीएम मोदी ने कहा, सदियों पहले, बाबा के दरबार का मां गंगा तक जो सीधा संबंध था, वो फिर से स्थापित हो रहा है। लेकिन जब उन सुधारों की सार्थकता सामने आने लगती है तो सबकुछ ठीक हो जाता है। यही सीख हमें गुरुनानक देवजी के जीवन से मिलती है। काशी का तो गुरुनानक देव जी से आत्मीय संबंध रहा है। उन्होंने लंबा समय काशी में व्यतीत किया था। 

 

Created On :   30 Nov 2020 3:08 PM GMT

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