छूटने के बाद कैदियों को मिलेगा अपने दम पर जीने का अवसर : मोरे

Prisoners will get opportunity to live on their own after release: More
छूटने के बाद कैदियों को मिलेगा अपने दम पर जीने का अवसर : मोरे
जेल में बनाई सुंदर कलाकृतियां छूटने के बाद कैदियों को मिलेगा अपने दम पर जीने का अवसर : मोरे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जेल में बंद कैदियों ने सुंदर कलाकृतियां तैयार की हैं। जेल से छूटकर बाहर जाने के बाद वे कम से कम खुद के दम पर कुछ कर सकेंगे। जेल में रहने वाले कैदियों के अंदर भी कला-गुण छिपा होता है। ऐसे कैदियों को जेल में अवसर मिलने के कारण अपने अंदर की छिपी कला को बाहरी दुनिया के सामने लाते हैं। सजायाफ्ता कैदियों की कलाकृतियों को बिक्री प्रदर्शनी केंद्र के जरिए एक मंच दिलाने का काम जेल प्रशासन कर रहा है। यह बात प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश एस.सी. मोरे ने कही। मध्यवर्ती कारागृह (सेंट्रल जेल) के कारखाना विभाग के अंतर्गत कैदियों द्वारा तैयार की गई विविध जीवनोपयोगी वस्तुओं की जेल परिसर में आयोजित बिक्री प्रदर्शनी का उद्घाटन न्यायाधीश मोरे के हाथों बुधवार को हुआ। इस अवसर पर न्यायाधीश मोरे बोल रहे थे। कारागृह अधीक्षक अनूपकुमार कुमरे प्रमुखता से उपस्थित थे। यह प्रदर्शनी 25 अगस्त तक शुरू रहेगी। 

20 प्रकार की वस्तुएं तैयार
कारागृह अधीक्षक कुमरे ने कहा कि कैदियों को विविध प्रकार का प्रशिक्षण दिया जाता है, ताकि वह जेल से बाहर जाने के बाद खुद कुछ कर सकें। राज्य की  तत्कालीन कारागृह महानिरीक्षक मीरा बोरवणकर की इस संकल्पना को साकार करने के लिए जेल प्रशासन ने सार्थक प्रयास किया। मध्यवर्ती कारागृह के  बिक्री केंद्र में  रक्षाबंधन और दिवाली के समय कैदियों द्वारा बनाई गई जीवनोपयोगी वस्तुओं की बिक्री की जाती है। बिक्री केंद्र का समय सुबह 10 बजे से है। इस बार कैदियों ने करीब 20 प्रकार की वस्तुएं तैयार की हैं, जिसमें लकड़े की कुर्सियां, स्टूल, ड्रेसिंग टेबल, आरामदायक कुर्सियां, आकाश दीया, चूड़ियों के स्टैंड, पेन स्टैंड, लकड़ी से बना कछुआ के आकार का पानसुपारी का डिब्बा, लंबी दरी, टॉवेल, दुपट्टे,  किचन अ‍ॅप्रॉन, राखियां, मिट्टी के बर्तन आदि शामिल हैं। कार्यक्रम में जेल के वरिष्ठ अधिकारी मिरासे, कारखाना  प्रबंधक  रजनलवार, वरिष्ठ जेल अधिकारी आडे, सोरटे, कवार, नाईक, काले, कालबांडे, शिंदे आदि अधिकारी- कर्मचारी उपस्थित थे।


गोंदिया भेजे गए 25 लाख के बंक बेड 
इस वर्ष कोरोना संक्रमण से जेल भी अछूता नहीं रहा। इसके बावजूद जेल अधीक्षक कुमरे के मार्गदर्शन में सेंट्रल जेल के अंतर्गत कारखाना में कैदियों ने काम किया। इसमें कैदियों के साथ जेल के अधिकारियों- कर्मचारियों की महती भूमिका रही। वर्ष 2020 - 2021 में कैदियों द्वारा तैयार की गई विविध प्रकार की वस्तुओं का उत्पादन कर करीब 1 करोड़ 34 लाख रुपए का मुनाफा कमाया गया। अगर कोरोना संक्रमण नहीं होता तो कारखाना को करीब 4-5 करोड़ का मुनाफा होना तय था। गोंदिया जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जवानों के लिए करीब 25 लाख रुपए के बड़ी संख्या में बंक बेड बनाकर भेजे गए। जेल के कारखाने में अन्य वस्तुओं का भी उत्पादन किया गया।


 

Created On :   19 Aug 2021 4:27 PM IST

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