- Home
- /
- मुस्लिम आरक्षण के लिए विधान परिषद...
मुस्लिम आरक्षण के लिए विधान परिषद में पेश हुआ निजी विधेयक

डिजिटल डेस्क,मुंबई। विधान परिषद में लोकभारती के सदस्य कपिल पाटील ने प्रदेश में मुस्लिम समाज को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए निजी विधेयक पेश किया है। शुक्रवार को पाटील ने महाराष्ट्र राज्य विशेष पिछड़ा वर्ग-अ (एसबीसी-ए) के आरक्षण निजी विधेयक को सदन में रखा था। अब इस विधेयक पर सदन में बाद में चर्चा होगी।
पाटील ने कहा कि साल 2014 में आघाड़ी सरकार ने मुस्लिम समाज को शिक्षा और नौकरियों में 5 प्रतिशत आरक्षण दिया था। बाम्बे हाईकोर्ट ने मुस्लिम समाज के शिक्षा में 5 प्रतिशत आरक्षण को कायम रखा था। अब महाविकास आघाड़ी सरकार को मुस्लिम समाज को आरक्षण देने के लिए विधेयक पेश करना चाहिए। इस बीच पाटील ने राज्य में पैगंबर व धर्मस्थानों से छेड़छाड़ की घटनाओं पर प्रतिबंध लगाने संबंधी निजी विधेयक पेश किया। इस निजी विधेयक पर सदन में आगामी समय में चर्चा होगी। गौरतलब है कि विधानमंडल के चालू शीतकालिन सत्र में विधानसभा में मुस्लिम आरक्षण पर हुई चर्चा के दौरान राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने कहा था कि आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा के चलते फिलहाल मुस्लिम आरक्षण देना संभव नहीं है।
देवी देवताओं के नाम पर शराब की दुकानों का नामकरण रोकने संशोधन करेगी सरकार
दूसरी ओर सदन में शिवसेना सदस्य मनीषा कायंदे ने राज्य में बीयर बार, परमिट रूम, देश और विदेशी शराब की दुकानों, होटलों और रेस्ट्रोरेंट को संत, महात्मा, देवी-देवताओं और राष्ट्रपुरुषों का नाम देने पर रोक लगाने संबंधी निजी विधेयक को पेश किया। इस पर राज्य प्रदेश के विधि व न्याय विभाग की राज्य मंत्री आदिती तटकरे ने कहा कि सरकार शराब को दुकानों को देवी-देवताओं का नाम न देने के लिए सरकार संबंधित नियमों में संशोधन करेगी। शराब की दुकानों के पंजीयन के समय सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका नाम देवी-देवताओं, महात्मा और संतों के नाम पर न हो। आदिती के इस आश्वासन के बाद कायंदे ने निजी विधेयक को वापस ले लिया।
Created On :   25 Dec 2021 6:56 PM IST