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निजी अस्पतालों ने अपनी मर्जी से टीकाकरण में लिया था हिस्सा

डिजिटल डेस्क , मुंबई। केंद्र सरकार ने बांबे हाईकोर्ट में हलफनामा दायर कर साफ किया है कि निजी अस्पतालों ने अपनी स्वेच्छा से टीकाकरण अभियान में हिस्सा लिया है। निजी अस्पतालों को कितने कोविडरोधी टीके खरीदने थे इसका पूरा विशेषाधिकार उन्हें दिया गया था। भारत सरकार ने इस मामले में सिर्फ सुविधाजनक तरीके से अस्पतालों को टीका उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को पूरा किया है। केंद्र सरकार के स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने कोर्ट के निर्देश के तहत यह हलफनामा निजी अस्पताल में इस्तेमाल न हो सके कोविडरोधी टीके की वापसी के मुद्दे को लेकर निजी अस्पतालों की ओर से दायर याचिका के जवाब में दायर किया है।
हाईकोर्ट में अमहदनगर, पुणे व नालासोपारा के निजी अस्पतालों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में दावा किया गया है कि उनके पास काफी मात्रा में कोविडरोधी टीके (कोविशिल्ड) की खुराक है। जो इस्तेमाल नहीं हो सकी है और एक्सपायर होने के कगार पर है। इसलिए सरकार को इन टीकों को वापस लेने का निर्देश दिया जाए और इस बारे में सरकार को अपनी नीति का भी खुलासा करने के लिए कहा जाए। हलफनामे के अनुसार केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों को कोविडरोधी टीकों को नष्ट होने से बचाने के लिए समय-समय पर स्थिति की समीक्षा करने का भी सुझाव दिया था। इसके साथ ही केंद्र ने राज्यों को सुझाव स्वरुप कहा था कि जो टीके पहले समाप्त होनेवाले हैं ऐसे टीकों को पहले इस्तेमाल किया जाए। हलफनामे के मुताबिक केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय ने समय-समय पर इस मुद्दे को लेकर एडवाइजरी जारी की है। केंद्र सरकार को इस बात पर कोई आपत्ति नहीं है यदि राज्य सरकार जल्द होने वाले कोविडरोधी टीकों को ऐसे टीकों से बदलती है जिसके इस्तेमाल की अवधि लंबी है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। हलफनामे में कहा गया है कि अब सरकार ने सभी को बुस्टर डोज की भी अनुमति दे दी है। लिहाजा अस्पाताल अपने पास उपलब्ध टीकों का इस्तेमाल बुस्टर डोज के लिए भी कर सकते हैं। गौरतलब है कि इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने कोर्ट में साफ किया था वह टीकों को वापस नहीं लेगी। न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला की खंडपीठ के सामने जब इस याचिका पर सुनवाई हुई तो कोविशिल्ड नामक कोविडरोधी टीका बनानेवाले सिरम इस्टीट्यूट ने हलफनामा दायर करने के लिए समय मांगा है। इसके बाद खंडपीठ ने सिरम इंस्टीट्यूट को हलफनामा दायर करने के लिए चार हफ्ते का समय प्रदान करते हुए कहा कि यदि सिरम ने हलफनामा नहीं दायर किया तो वह उसके जवाब के बगैर याचिका पर सुनवाई करेंगे। खंडपीठ ने अब याचिका पर सुनवाई 8 जुलाई को रखी है। एनएचए द्वारा सभी के लिए खुली एक हैकाथॉन श्रृंखला का आयोजन
Created On :   25 Jun 2022 7:37 PM IST