महाराष्ट्र : किसान मोर्चे को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा, नहीं चल सकी कार्यवाही

Proceedings can not done of house due to ruckus on farmers agitation
महाराष्ट्र : किसान मोर्चे को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा, नहीं चल सकी कार्यवाही
महाराष्ट्र : किसान मोर्चे को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा, नहीं चल सकी कार्यवाही

डिजिटल डेस्क, मुंबई। किसानों के मार्च, सूखा प्रभावित किसानों को मदद घोषित करने, मराठा, धनगर और मुस्लिम समाज के आरक्षण के मुद्दे पर आक्रामक हुए विपक्ष ने विधान परिषद का कामकाज नहीं चलने दिया। विपक्ष के हंगामे के सदन की कार्यवाही एक बार स्थगित होने के बाद दोपहर 2.20 बजे सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। गुरुवार को सदन की नियमित बैठक शुरू होने पर विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कार्य स्थगन प्रस्ताव के जरिए कहा कि सरकार ने छह महीने पहले किसानों और आदिवासियों को दिए आश्वासन को पूरा नहीं किया है। इसलिए कुंभकरण के जैसे सोयी हुई सरकार को जगाने के लिए किसान फिर से 45 किमी पैदल चलकर मुंबई पहुंचे हैं। मुंडे ने कहा कि राज्य सरकार सूखा प्रभावित किसानों को आर्थिक मदद घोषित नहीं कर रही है। किसानों को फसल बीमा का पैसा नहीं मिल रहा है। राज्य में 26 हजार किसानों ने आत्महत्या की है। जिसमें से 13 हजार किसान के परिवार वाले सानुग्रह अनुदान के लिए पात्र नहीं है।

सदन में रखें आरक्षण संबंधी रिपोर्ट
मुंडे ने कहा कि मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 41 लोगों ने जान गंवाई है। लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कह रहे हैं कि मराठा समाज जश्न मनाए। सरकार यह नहीं बता रही है कि मराठा समाज को कैसे आरक्षण दिया जाएगा। यह संदेह दूर करने के लिए सरकार को पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को तत्काल सदन में पेश करना चाहिए। इसके साथ ही धनगर आरक्षण के लिए टीस की रिपोर्ट को सदन में रखना चाहिए। इस पर प्रदेश के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील ने कहा कि धनगर समाज के आरक्षण के लिए टीस की रिपोर्ट नकारात्मक नहीं है। धनगर आरक्षण के लिए राज्य मंत्रिमंडल में प्रस्ताव मंजूर कर केंद्रीय आदिवासी आयोग को भेजा जाएगा। 

मराठा आरक्षण: आंदोलनकारियों के खिलाफ मामले वापस लेने कार्यवाही जारी
विधान परिषद में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले ने जानकारी देते कहा कि मराठा समाज को आरक्षण देने की मांग को लेकर जुलाई और अगस्त महीने में हुए आंदोलन में केवल उन लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनके खिलाफ सबूत मिले हैं। राज्य के जनप्रतिनिधियों के आग्रह के बाद की गई जांच में पाया गया है कि निर्दोष आंदोलनकारियों पर मामला दर्ज नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि मराठा आरक्षण आंदोलन में हिस्सा लेने वाले लोगों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने के संबंध में सरकार के 26 दिसंबर के शासनादेश के अनुसार राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है।

यह समिति आंदोलकारियों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने को लेकर कार्यवाही कर रही है। कांग्रेस के सदस्य शरद रणपीसे ने इस संबंध में सवाल पूछा था। बडोले ने बताया मराठा आरक्षण आंदोलन में जिन लोगों की मौत हुई है उनके परिवार वालों को आर्थिक मदद देने के लिए कार्यवाही शुरू है। बडोले ने बताया कि मराठा आरक्षण के संबंध में राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने प्रदेश भर में 43,629 मराठा परिवारों का सर्वेक्षण किया है। 

औरंगाबाद एमआईडीसी के 515 यूनिट बंद
औरंगाबाद के कुल 3236 उद्योग यूनिट में से एमआईडीसी के 929 यूनिट शुरू है। जबकि 515 यूनिट बंद है। एमआईडीसी के बाहर  1020 यूनिट शुरू है और 772 यूनिट बंद पाए गए हैं। साल 2010 -11 से साल 2017-18 के बीच 13,820 उद्योगों में 1 लाख 42 हजार 555 लोगों को रोजगार मिला है। विधान परिषद में एक सवाल के जवाब में प्रदेश के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने यह जानकारी दी।  सदन में कांग्रेस के सदस्य सुभाष झांबड ने औरंगाबाद एमआईडीसी में उद्योगों के बंद होने को लेकर सवाल पूछा था।

नागपुर विभाग में गृह प्रमुख के 2 पद भरे
नागपुर विभाग में सामाजिक न्याय विभाग के अधिक क्षमता वाले छात्रावासों के लिए मंजूर गृह प्रमुख के 6 पदों में से 2 पद भरे जा चुके हैं जबकि बाकी के 4 रिक्त पदों का अतिरिक्त कार्यभार अन्य अधिकारियों के पास सौंपा गया है। विधान परिषद में प्रदेश के सामाजिक न्याय मंत्री राजकुमार बडोले ने एक सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। सदन में भाजपा सदस्य अनिल सोले ने इस संबंध में सवाल पूछा था। 

जैतापुर  परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा
रत्नागिरी में प्रस्तावित जैतापुर परमाणु ऊर्जा परियोजना के लिए प्रदेश सरकार की पूरक और सहयोगी भूमिका है। जैतापुर परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पूरा हो गया है। विधान परिषद में पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह परियोजना केंद्र सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के माध्यम लगाया जा रहा है। बावनकुले ने माना है कि पर्यावरण की दृष्टि से परियोजना को रद्द करने की मांग को लेकर कई बार आंदोलन हो चुके हैं। कांग्रेस के सदस्य अनंत गाडगील ने इस संबंध में सवाल पूछा था। 


 

 

Created On :   22 Nov 2018 8:31 PM IST

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