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आरक्षण से प्रमोशन खतरे में, 5 हजार अधिकारियों की हो सकती है फजीहत

डिजिटल डेस्क,नागपुर। 2014 के पूर्व अनुसूचित जाति (एससी) व जनजाति (एसटी) के जिन अधिकारियों ने प्रमोशन में आरक्षण का लाभ लिया, उनका प्रमोशन खतरे में पड़ सकता है। नागपुर समेत देश भर में प्रमोशन में आरक्षण का लाभ ले चुके सेंट्रल एक्साइज एंड जीएसटी के करीब 5 हजार अधिकारियों की लिस्ट बनाई गई है। विभागीय प्रमोशन कमेटी इसकी समीक्षा कर रही है। इसमें कई अधिकारी ऐसे हैं, जो रिटायर्ड हो चुके हैं आैर कुछ आनेवाले समय में रिटायर्ड होनेवाले हैं। खतरा मंडराता देख एससी एसटी एम्प्लाइज वेल्फेयर आर्गनाइजेशन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर हस्तक्षेप करने की गुजारिश की है।
तैयार की गई लिस्ट
याद रहे प्रमोशन में आरक्षण का मामला 2014 से खटाई में पड़ा है। 2014 से प्रमोशन में आरक्षण देना बंद हो गया है। 2014 के पूर्व आरक्षित वर्ग के जिन अधिकारियों को प्रमोशन में आरक्षण का लाभ मिला, उन अधिकारियों की लिस्ट तैयार की गई है। कस्टम सेंट्रल एक्साइज एंड जीएसटी की विभागीय पदोन्नति कमेटी (डीपीसी) ने इसकी समीक्षा करना शुरू कर दिया है। कस्टम सेंट्रल एक्साइज एंड जीएसटी भोपाल जोन की यह कमेटी है। कमेटी के कामकाज से एससी व एसटी के अधिकारी दहशत में आ गए हैं। कमेटी समय पूर्व प्रमोशन पानेवाले अधिकारियों को रिवर्ट (पदावनत) भी कर सकती है। डीपीसी की कार्रवाई से आरक्षित वर्ग के अधिकारी लामबंद हो रहे हैं। डीपीसी की कार्रवाई को अदालत में चुनैाती देने पर भी विचार हो रहा है।
क्या है डीआेपीटी
डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ट्रेनिंग (डीआेपीटी) केंद्र सरकार की एजेंसी है। केंद्र सरकार के अधीन आनेवाले सभी विभागों के कामकाज को निश्चित करने का काम डीआेपीटी करता है। डीआेपीटी केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। विभागों को गाइड लाइन भी जारी करता है। डीआेपीटी के निर्देश पर 2014 से केंद्रीय कर्मचारियों को पदोन्नति में आरक्षण देना बंद है, लेकिन केवल सेंट्रल एक्साइज एंड जीएसटी में आरक्षण में प्रमोशन का लाभ लेनेवालों की समीक्षा की जा रही है। केवल इसी विभाग में यह क्यों हो रहा है आैर किसके इशारे पर हो रहा है, यह बड़ा सवाल है।
अधीक्षक स्तर के अधिकारी हैं टारगेट पर
सेंट्रल एक्साइज एंड जीएसटी में 2002 से 2013 तक एससी व एसटी वर्ग के इंस्पेक्टरों को प्रमोशन में आरक्षण का लाभ देते हुए अधीक्षक पद पर प्रमोशन दी गई। प्रमोशन में आरक्षण देने से सामान्य वर्ग के इंस्पेक्टरों की अपेक्षा इनकी प्रमोशन पहले हो गई। डीपीसी के रिव्यू (समीक्षा) से यह मामला गरमाता जा रहा है।
सरकार रोके रिव्यू
वर्ष 2014 केे पूर्व एससी, एसटी के जिन इंस्पेक्टरों को अधीक्षक पद पर प्रमोशन मिली, उनकी समीक्षा डीपीसी कर रही है। अब इन्हें रिवर्ट (पदावनत) करने की प्रक्रिया शुरू हो रही है। केवल इसी विभाग को टारगेट किया जा रहा है। इससे गलत संदेश जाएगा। केंद्र सरकार को इस रिव्यू को रोकना चाहिए। एससी, एसटी एम्प्लाइज आर्गनाइजेशन की आेर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर इसमें हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई गई है। इसके पूर्व एससी, एसटी आयोग व एससी, एसटी संसदीय समिति से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन सफलता नहीं मिली। आरक्षित वर्ग के अधिकारी पशोपेश में हैं। प्रधानमंत्री से रिव्यू रोकने के साथ ही अपना पक्ष रखने के लिए समय देने की गुजारिश की गई है।
संजय थुल, अध्यक्ष एससी, एसटी एम्प्लाइज आर्गनाइजेशन
Created On :   13 April 2018 12:54 PM IST