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फुलोरा उपक्रम को ‘प्रधानमंत्री पुरस्कार’ दिलवाने भिजवाया प्रस्ताव

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। गड़चिरोली जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमार आशीर्वाद की संकल्पना से जिले की 679 शालाओं में आरंभ किया गया फुलोरा उपक्रम प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया गया है। हाल ही में केंद्र सरकार की एक समिति ने गड़चिरोली जिले की विभिन्न शालाओं को भेंट देकर विद्यार्थियों की गुणवत्ता का परीक्षण किया। बता दें कि, इस पुरस्कार के लिए केंद्र व राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा चलाए जा रहे कुल 3 हजार 408 उपक्रम प्रस्तावित किए गए थे। कुल तीन चरणों में किए गए परीक्षण के बाद इनमें से 18 उपक्रम ही पुरस्कार के लिए पात्र साबित हुए। इसमें महाराष्ट्र राज्य से गड़चिरोली जिले का फुलोरा उपक्रम एकमात्र है।
गड़चिरोली जिले में यह उपक्रम शैक्षणिक सत्र 2020-21 से पहले चरण में कुल 336 शालाआंे में आरंभ किया गया। प्रायोगिक तत्व पर आरंभ किए गए इस उपक्रम के चलते विद्यार्थियों की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होते देख दूसरे चरण में कुल 343 शालाओं का चयन किया गया। वर्तमान में समूचे जिले की 679 शालाआंे में इस उपक्रम के तहत विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की जा रही है। कोरोना संकट के चलते लगातार दो वर्ष तक ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थी ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा से वंचित थे। जिप के सीईओ आशीर्वाद की संकल्पना से जिले की शालाओं मंे शिक्षा के लिए अनुकूल माहौल निर्माण कर विद्यार्थियाें को शिक्षा प्रदान की जा रही है। इस उपक्रम को फुलोरा नाम दिया गया है। विद्यार्थियों की गुणवत्ता में लगातार हो रही वृद्धि के कारण ही इस उपक्रम काे प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए प्रस्तावित किया गया है।
पुरस्कार के लिए प्रस्तावित िकए जाने से हाल ही में केंद्रीय समिति ने जिले की शालाओं को भेंट देकर समीक्षा की। समिति ने जिले की दिभना, घोड़ेझरी, साखरा आदि गांवों की शालाओं को भेंट दी। शालाओं में आरंभ किए गए बाल भवन के माध्यम से अधिकारियों ने विद्यार्थियों के लिए शुरू की गणितीय प्रक्रिया, भाषा की रचना आदि की जानकारी इकट्ठा की। विद्यार्थियों ने इस समय अधिकारियों को भागाकार, गुणाकार, पांच अंक का जोड़ आदि प्रात्याक्षिक के माध्यम से दिखाया। प्राथमिक शालाआंे में शुरू किए गए इस उपक्रम पर केंद्रीय समिति के अधिकारियों ने समाधान भी व्यक्त किया। आने वाले कुछ ही दिनों में प्रधानमंत्री पुरस्कार की सूची घोषित होगी। इसमें यकिनन गड़चिराेली जैसे आदिवासी बहुल और नक्सलग्रस्त गड़चिरोली िजले का पुरस्कार के लिए चयन होगा, ऐसी आशा व्यक्त की जा रही है।
नक्सलग्रस्त गड़चिरोली के लिए गर्व की बात
कोरोना संकट के कारण विद्यार्थियों को शिक्षा से वंचित रहना पड़ा। वर्तमान में कोरोना संकट टल गया है। शालाएं पूर्ववत आरंभ हो गयी हंै। ऐसे में शालाओं में विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए अनुकूल माहौल निर्माण करने के लिए फुलोरा उपक्रम आरंभ किया गया है। इसके तहत प्राथमिक शिक्षा से ही प्रात्याक्षिक के माध्यम से विद्यार्थियों को शिक्षा दी जा रही है। इस उपक्रम का प्रधानमंत्री पुरस्कार के लिए प्रस्तावित होना नक्सलग्रस्त गड़चिरोली जिले के लिए अभिमान की बात है। -कुमार आशीर्वाद, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिप गड़चिरोली
Created On :   29 March 2022 4:15 PM IST