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पं.दीनदयाल के विचारों से रूकेगी युवाओं में खुदकुशी करने की प्रवृत्ति !

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्यप्रदेश की उच्च शैक्षणिक संस्थाओं में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों से युवाओं में खुदकुशी करने की प्रवृत्ति रोकी जाएगी। इस बारे में राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी एवं निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, कालेजों के प्राचार्यों तथा निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के अध्यक्षों को ये काम सौंपा है।
गौरतलब है कि मप्र में मानसिक तनाव के कारण छात्रों के खुदकुशी करने संबंधी, सामाजिक समस्या के समाधान के लिए मप्र विधानसभा ने 11 मार्च 2016 को एक समिति का गठन किया था। समिति का प्रतिवेदन 24 मार्च 2017 को सदन में पेश किया गया। इस प्रतिवेदन में समिति ने खुदकुशी रोकने के संबंध में अनुशंसाए दी हैं तथा मप्र विधानसभा सचिवालय ने इन अनुशंसाओं पर कार्रवाई करने का आग्रह किया है। इस पर राज्य सरकार ने ये ताजा निर्देश विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों को जारी किए हैं।
क्या करना होगा ?
न केवल छात्रों बल्कि शिक्षकों के लिए भी मनोविज्ञान का व्यवाहारिक प्रशिक्षण अनिवार्य किया जाएगा। जीवन मूल्यों को विद्यार्थियों में संस्कारित करने के लिए भी शिक्षक के आध्यात्मिक/वैचारिक उत्थान के लिए गहन प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। स्वामी विवेकानंद, महात्मा गांधी, डा. राधाकृष्णन एवं पंडित दीनदयाल के विचारों,जीवन मूल्यों को विद्यार्थियों के जीवन में उतारने के लिए शासकीय/अर्धशासकीय/अशासकीय संस्थाओं का सहयोग लिया जाएगा। इसी प्रकार प्रदेश के विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में खुदकुशी रोकने के लिए नशीले पदार्थों के सेवन के दुष्प्रभावों को शैक्षणिक संस्थाओं सहित समाज के प्रत्येक क्षेत्र और वर्ग में प्रभावी ढंग से प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा।
परीक्षाओं के दौरान विद्यार्थियों में तनाव कम करने के लिए प्रश्न-पत्रों के बीच गैप रखा जाएगा। निजी संस्थानों के उच्च गुणवत्तायुक्त शिक्षा एवं प्लेसमेंट के दावे का परीक्षण एक उच्च स्तरीय समिति करेगी ताकि ऐसे दावों के साथ विद्यार्थी को भ्रमित कर उसका शोषण न किया जा सके। योग शिक्षा, ध्यान प्रशिक्षण अनिवार्य एवं नियमित रूप से किया जाएगा। शैक्षणिक संस्था (जिसमें कोचिंग इंस्टीट्यूट भी शामिल हैं) में पुरुष एवं महिला काउंसलर नियमित रूप से नियुक्त किए जाएंगे।
वहीं मामले में मप्र विधानसभा प्रमुख सचिव एपी सिंह का कहना है कि खुदकुशी के मामलों की रोकथाम के लिए गठित विधानसभा समिति की सिफारिशों पर कार्रवाई के लिए विभिन्न विभागों तथा डीजीपी को लिखा गया है। पं.दीनदयाल के विचारों का युवाओं में प्रसार के लिए विधानसभा कमेटी ने कोई सिफारिश नहीं की है, बस महापुरुषों की उपलब्धियां विद्यार्थियों को बताने के लिए अनुशंसा की है। दीनदयाल जी के विचारों के संबंध में यह राज्य सरकार की यह अपनी कार्रवाई है।
Created On :   27 Aug 2017 11:25 AM IST