रेलवे स्टेशन पर जनता खाना के नाम पर परोसा जा रहा जन आहार

Public food being served in the name of Janta Khana at the railway station
रेलवे स्टेशन पर जनता खाना के नाम पर परोसा जा रहा जन आहार
70-80 रुपए में रेलवे स्टेशन पर जनता खाना के नाम पर परोसा जा रहा जन आहार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर व गरीब लोगों को सस्ता भोजन उपलब्ध कराने के लिए रेलवे स्टेशन परिसर में जनता खाना उपलब्ध कराया जाता है। जनता खाना अर्थात मात्र 15 रुपए चुकाकर कोई भी व्यक्ति 170 ग्राम (7 नग) पूड़ी, 150 ग्राम आलू की सब्जी और अचार हासिल कर सकता  है। इससे एक व्यक्ति की भूख शांत हाे सकती है। नागपुर रेलवे स्टेशन पर जनता खाना के पैकेट उपलब्ध है, लेकिन मात्र छलावे के रूप में। स्टेशन पर जनता खाना के न तो स्टॉल है न ही प्लेटफार्म पर जनता खाना का प्रचार-प्रसार हो रहा है। प्लेटफार्म क्र. 1 की कैंटीन में जन आहार परोसा जाता है। जनता खाना की बजाय जन आहार बेचा जाता है जिसकी कीमत 70-80 रुपए है।

‘खत्म हो गया’ कहकर लौटाते हैं कैंटीन संचालक
दैनिक भास्कर ने हकीकत जानने के लिए जब इन कैंटीन संचालकों से बात की, तो उन्होंने बताया कि जनता खाना केवल सुबह 9 बजे से 11 बजे के बीच ही उपलब्ध रहता है, जबकि अधिकारी दावा कर रहे हैं कि हमेशा उपलब्ध रहता है। कैंटीन संचालक मोटे-मोटे अक्षरों में जन आहार थाली व अन्य व्यंजनों के दाम लिखकर बेच रहे हैं, जबकि गरीब यात्रियों द्वारा जनता खाना मांगने पर ‘खत्म हो गया’ कहकर उन्हें लौटा दिया जाता है। कुछ यात्रियों ने शिकायत की कि जनता खाना पाने के लिए स्टेशन परिसर में अनेक चक्कर काटने पर भी यह पता नहीं चल सका कि 15 रुपए में जनता खाना कहां उपलब्ध हो सकेगा?

15 के बजाय 70 रुपए वसूलने का फंडा
रेलवे स्टेशन परिसर में जनता खाना हर समय उपलब्ध हो, तो जन आहार थाली कम ही लोग खरीदेंगे। यात्रियों की जेब ढीली करने के लिए कैंटिन संचालकों द्वारा 70-80 रुपए का जन आहार बेचा जाता है। स्टेशन परिसर में जनता खाना लेने आए यात्रियों ने बताया कि जब उन्होंने जनता खाना की मांग की, तो उन्हें जन आहार की थाली थमा दी गई। किसी से 70 रुपए वसूले गए, तो किसी ने स्पेशल थाली के नाम पर 250 रुपए तक चुकाए। आईआरसीटीसी के नियम के अनुसार रेलवे स्टेशन परिसर में 15 रुपए में जनता खाना उपलब्ध कराया जाना चाहिए। रेलवे स्टेशन परिसर में कैंटिन, भोजनालय आदि की व्यवस्था की गई है।  

कोविड-19 के नियमों की हो रही अनदेखी
जन आहार केंद्र में कोविड-19 के नियमों का न सिर्फ उल्लंघन हो रहा, अपितु घोर लापरवाही भी बरती जा रही है। यहां कर्मचारी बगैर मास्क देखे जा सकते हैं। नियम के अनुसार आहार केंद्र के बाहर प्लेटफार्म पर दो कर्मचारियों की नियुक्ति की जानी चाहिए, लेकिन प्रत्यक्ष में 8-10 कर्मचारियों को तैनात किया गया है जो जोर-जोर से चिल्लाकर और कभी हाथ पकड़कर यात्रियों को केंद्र के भीतर ले जाते हैं। 

दिखावे के लिए रखे गए खाली पैकेट 
एक कैंटिन के भीतर जनता खाना के डिब्बों को रखे देख , तो कैंटिन संचालक से पूछताछ की।ो उसने बताया कि डिब्बे खाली है। आईआरसीटीसी के अधिकारियों की जांच से बचने के लिए डिब्बे रखे गए हैं। कैंटिन संचालक के अनुसार जनता खाना सुबह 9 बजे से 11 बजे तक उपलब्ध रहता है। 11 बजे के बाद जनता खाना मांगने वालों को जन आहार के नाम से उपलब्ध थाली परोसी जाती है।

कौन करें जांच?
नागपुर रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध खान-पान की सामग्री की शुद्धता व मानक जांच पर भी प्रश्नचिह्न लगा हुआ है। जानकारों के मुताबिक यहां बेचे जा रहे खाद्य पदार्थ, खाद्य पदार्थ तैयार की जाने वाली जगह, गुणवत्ता, एक्सपायरी आदि की विविध स्तरों पर जांच की जानी चाहिए। रेलवे प्रशासन द्वारा इसके लिए किसी प्रकार की स्थायी व्यवस्था नहीं की गई है।

मांगने पर मिलेगा 
रेलवे स्टेशन परिसर मंें कोविड-19 के नियमों का पूरी तरह पालन किया जा रहा है। यहां जन आहार केंद्र में जनता खाना की पर्याप्त व्यवस्था है तथा मांगने पर यह उपलब्ध कराया जाता है।
-कृष्णाथ पाटील, वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक

Created On :   1 Dec 2021 4:02 PM IST

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