रश्मि ठाकरे की संपत्ति की जांच के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका

Public interest litigation in High Court for investigation of Rashmi Thackerays property
रश्मि ठाकरे की संपत्ति की जांच के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका
कोर्ट की निगरानी में जांच चाहते हैं किरीट सोमैया  रश्मि ठाकरे की संपत्ति की जांच के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भारतीय जनता पार्टी के नेता किरीट सोमैया ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पत्नी रश्मि की अलीबाग स्थित संपत्ति की जांच अदालत की निगरानी में कराए जाने की मांग को लेकर बांबे हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि अलीबाग की संपत्ति से जुड़ी सत्यता को परखने के लिए अदालत का हस्तक्षेप जरुरी है।   याचिका में दावा किया गया है कि मुख्यमंत्री ठाकरे व शिवसेना विधायक रविंद्र वायकर ने जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत चुनाव के समय जो हलफनामा दायर किया है उसमें जानबूझकर अलीबाग स्थित जमीन व वहां बने ढांचे की जानकारी को छुपाया है। याचिका में कहा गया है कि संपत्ति कर से जुड़े दस्तावेज अलीबाग में रश्मि ठाकरे की संपत्ति होने का खुलासा करते हैं। लेकिन चुनावी हलफनामे में संपत्ति का जिक्र नहीं किया गया है।

 याचिका के मुताबिक अलीबाग के समुद्री किनारे से 100 किमी दूरी पर स्थित जमीन में जो निर्माण कार्य किया गया है वह बगैर जरुरी अनुमति के किया गया है। इसके अलावा निर्माण कार्य के लिए पर्यावरण व वन विभाग से भी जरुरी इजाजत नहीं ली गई है। जबकि जमीन आरक्षित वन क्षेत्र के दायरे में आती है।  याचिका के अनुसार अलीबाग में मुख्यमंत्री की पत्नी रश्मि व शिवसेना विधायक रविंद्र वायकर की पत्नी मनीषा ने अन्वय नाईक से दो करोड़ रुपए में जमीन खरीदी है लेकिन इसमे से दस लाख रुपए का अग्रिम भुगतान नकद में किया गया है। जबकि आयकर अधिनियम की धारा 269 एसटी दो लाख रुपए से अधिक के नकद भुगतान पर रोक लगाती है। याचिका के मुताबिक मुख्यमंत्री ठाकरे व विधायक वायकर ने अपने चुनावी हलफनामे में अलीबाग की जमीन व वहां पर बने ढांचे की जानकारी छुपाई है। इसलिए इनके चुनाव को अमान्य घोषित किया जाए। याचिका में मांग की गई है कि जमीन में पैसे के लेने-देने व वहां पर हुए निर्माण कार्य की जांच की जाए।   याचिका में सोमैया ने कहा है कि उन्होंने इस विषय पर राज्य के संबंधित प्राधिकरणों को कार्रवाई की मांग को लेकर पत्र लिखा है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले में संविधान के अनुच्छेद 14, 19 व 21 का उल्लंघन हुआ है। इसलिए इस मामले की स्वतंत्र जांच स्वतंत्र प्राधिकरण से कारने की जरुरत है और जांच रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का निर्देश देने की आवश्यक्ता है। याचिका में मुख्यमंत्री ठाकरे, उनकी पत्नी रश्मि व विधायक रविंद्र वायकर व उनकी पत्नी मनीषा वायकर को पक्षकार बनाया गया है।    
 

Created On :   22 Jun 2022 7:48 PM IST

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