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PWPI का सरकार से सवाल- तेलगी और कसाब को सुविधाएं मिल सकती है तो भुजबल को क्यों नहीं
डिजिटल डेस्क, मुंबई। जेल में बंद राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) के विधायक व पूर्व उपमुख्यमंत्री छगन भुजबल को निजी अस्पताल में इलाज कराने के मुद्दे पर मंगलवार को विधानपरिषद में हंगामा हुआ। इसके चलते सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। शेकाप (PWPI) के सदस्य जयंत पाटील ने कहा कि आतंकी अजमल कसाब और स्टांप पेपर घोटाले के आरोपी अब्दुल करीम तेलगी का इलाज निजी अस्पताल में कराया जा सकता है तो विधानमंडल के सदस्य भुजबल के बारे में क्यों सवाल उठाए जा रहे हैं।
इस मसले पर सदन में राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य और भाजपा के मंत्री आमने-सामने आ गए। मंगलवार को परिवहन मंत्री दिवाकर रावते ने भुजबल का नाम लिए बिना कहा कि सोमवार को एक आरोपी का इलाज जेजे अस्पताल कि बजाय निजी अस्पताल में कराने की मांग की गई। जेजे अस्पताल सरकारी अस्पताल है। ऐसे में निजी अस्पताल लीलावती में इलाज कराने की मांग से सरकारी अस्पतालों के कामकाज पर सवाल खड़े होते हैं और इससे सरकार की बदनामी होती है।
इस पर विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि हमने जेजे अस्पताल की इलाज व्यवस्था पर सवाल नहीं उठाए थे। भुजबल की पेट से जुड़ी बीमारी का इलाज लीलावती अस्पताल में बेहतर तरीके से हो सकता है। इसलिए उनका इलाज निजी अस्पताल में कराने की मांग की गई। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस सदस्य सुनील तटकरे ने कहा कि रावते सरकारी अस्पताल का गुणगान कर रहे हैं। उन्होंने कहा ग्रामीण अंचल में सरकारी अस्पतालों की क्या स्थिति है और कितने पद रिक्त हैं। यह सभी के सामने हैं। इस पर प्रदेश के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि यह स्थिति पिछले 15 सालों से है।
इसके बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस के सदस्य और भाजपा के मंत्री आमने-सामने आ गए। हंगामे के कारण सभापति रामराजे निंबालकर ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया। दोबारा सदन का कामकाज शुरू होने पर प्रदेश के संसदीय कार्य मंत्री गिरीश बापट ने कहा कि भुजबल के इलाज में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
Created On :   6 March 2018 6:34 PM GMT