आग बुझाने 195 ब्लोअर मशीन व वन्यजीवों की प्यास बुझाने 150 कृत्रिम कुंड

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आग बुझाने 195 ब्लोअर मशीन व वन्यजीवों की प्यास बुझाने 150 कृत्रिम कुंड
वन विभाग की गर्मी से निपटने की तैयारी आग बुझाने 195 ब्लोअर मशीन व वन्यजीवों की प्यास बुझाने 150 कृत्रिम कुंड

डिजिटल डेस्क, वर्धा। गर्मी के दिनों में वनपरिसर में आगजनी की घटनाओं के साथ वन्य प्राणियों के लिए पानी के प्राकृतिक स्रोत सूख जाने से जलकिल्लत जैसी समस्या रहती है। इसलिए वनविभाग ने इन समस्याओं को ध्यान में रखकर आगजनी की दुर्घटना न घटे इसलिए वर्धा विभाग के अंतर्गत आठ वनपरिक्षेत्र में 195 फायर ब्लोअर मशीन तैयार करने के साथ-साथ वन्यप्राणियों की प्यास बुझाने कुल 150 कृत्रिम कुंड का प्रबंध किया है। गर्मी के दिनों में वनपरिक्षेत्र में आपदाओं से बचने के लिए वनविभाग पूरी तरह से तैयार है।

वनविभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले साल 2021 में कुल 123 आगजनी की मामूली घटनाएं घटी। परंतु संतोषजनक बात रही कि इसमें किसी भी वन्यप्राणियों को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंची। लेकिन जंगल परिसर में आगजनी से होनी वाली दुर्घटनाओं पर वनविभाग की पैनी नजरें बनी रहे इसलिए जनवरी 2017 से सरकार के द्वारा हेलो फॉरेस्ट 1926 यह कॉल सेंटर शुरू किया है। जिसके माध्यम से आगजनी की घटना घटते ही तत्काल सूचना प्राप्त होती है। वनपरिक्षेत्र में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारियों को इस कार्य का प्रशिक्षण दिया गया है। इस तरह एफएसआई इस शुरु किए सेटेलाइट सेवा के माध्यम से आगजनी की घटना की जानकारी मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से तत्काल प्राप्त होती है। जिसके जरिए घटनास्थल का लोकेशन प्राप्त होकर यंत्रणा शीघ्र पहुंच जाती है।बता दें कि भीषण गर्मी के चलते आगजनी की घटनाओं का प्रमाण बढ़ जाता है। जिस पर नियंत्रण रखने के लिए वनविभाग में कार्यरत कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण देने के साथ आगजनी की घटनाओं पर काबू पाने के लिए 195 फायर ब्लोअर मशीने तैयार हैं।  उक्त मशीन आधुनिक तकनीकों से लैंस होने होने के साथ हर विभाग में एक अग्नि नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है। जिसमें एक नोडल  अधिकारी के साथ 3 वनरक्षक आगजनी की घटना न घटे इसलिए अपनी पैनी नजरे जमाए हुए रहते हंै।

आठ वनपरिक्षेत्र में बनाए गए कृत्रिम कुंड
वर्धा परिक्षेत्र में कुल आठ वनपरिक्षेत्र का समावेश हंै। इन परिक्षेत्र में कोई भी वन्यजीव गर्मी के दिनों में प्यासा न रहे इसलिए कुल 150 कृत्रिम कुंड की व्यवस्था वनविभाग की ओर से की गई है। जिसमें से वर्धा में 3, आष्टी शहीद में 26, तलेगांव में 23, कारंजा घाडगे में 10, आर्वी में 26, हिंगणी में 12, खरांगणा में 19 और समुद्रपुर में 12 कृत्रिम कुंड का निर्माण किया गया है। उक्त सभी जलकुंड को दो से तीन दिन में टैंकर के द्वारा भरे जाने के साथ कुंडों को हमेशा स्वच्छ करने के निर्देश वनपरिक्षेत्र स्तर पर दिए गए हैं।

आधुनिक तकनीक के चलते यंत्रणा को मिली गति
साल 2017 से सरकार ने हैलो फॉरेस्ट 1926 इस कॉल सेंटर को शुरू किया। जिसके माध्यम से किसी भी आगजनी की घटनाओं की तत्काल सूचना प्राप्त होती ही उस पर कार्य करना शुरू किया जाता है। इस यंत्रणा का वनपरिक्षेत्र में कार्यरत अधिकारी और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। इसी प्रकार एफएसआई इस सेटेलाइट सेवा के माध्यम से आग लगने की जानकारी मोबाइल पर मैसेज के माध्यम से तुरंत मिल जाती है। इस आधुनिक तकनीक के चलते आगजनी पर काबू पाने की यंत्रणा को और गति प्राप्त हुई है।  -अमरजीत पवार, सहायक वनरक्षक, वर्धा
 

Created On :   17 April 2022 7:08 PM IST

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