झगड़ा छोड़ फिर हो गए एक-दूजे के, लोक न्यायालय में 10 मामलों  में एक हुए पति-पत्नी

Quit quarreling and reunite, husband and wife reunite in 10 cases in Lok Adalat
झगड़ा छोड़ फिर हो गए एक-दूजे के, लोक न्यायालय में 10 मामलों  में एक हुए पति-पत्नी
झगड़ा छोड़ फिर हो गए एक-दूजे के, लोक न्यायालय में 10 मामलों  में एक हुए पति-पत्नी

डिजिटल डेस्क,  नागपुर।  शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में 10 मामलों में कोर्ट-कचहरी का झगड़ा खत्म कर पति-पत्नी ने फिर से एक दूसरे को अपना लिया है। प्रमुख न्यायाधीश एमएम ठाकरे के मार्गदर्शन में आयोजित लोक अदालत में कुल 75 दावे रखे गए थे। इसमें 14 मामले काउंसलिंग से हल हो गए हैं। इसमें 10 मामले पहले की तरह एक हो गए हैं। इससे पहले भी दिसंबर माह में हुए लोक अदालत में 20 मामले काउंसलिंग से ही हल हो गये थे।

उल्लेखनीय है कि पति-पत्नी में अनबन की कहानी काफी पुरानी है। कई मामलों में बड़े-बड़े मामले एक दूसरे की समझदारी से सुलझ जाते हैं। वही कई ऐसे मामले भी होते हैं, जिसमें छोटी सी बात भी तलाक का कारण बन जाती है। तलाक के लिए उन्हें फैमिली कोर्ट आना पड़ता है। जहां पति व पत्नी की सहमति से कुछ वर्षों बाद तलाक दिया जाता है। लेकिन कई बार दोनों के झगड़ों में मासूम बच्चों की हालत बुरी होती है। आपसी खटास आनेवाले इन रिश्तों को फिर से जोड़ने के लिए काउंसलिंग भी की जाती है। कई बार काउंसलिंग करने से पति-पत्नी आपसी समझौता करने के लिए तैयार हो जाते हैं।

शनिवार राज्य के न्यायालय में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया था। जहां आपसी मनमुटाव होकर तलाक तक पहुंचनेवाले मामलों को फिर से प्यार में बदलने की कोशिश की गई। नागपुर फैमिली कोर्ट में इस बार 2 पैनल बने थे। जहां पति-पत्नी की अनबन को हल करने को लेकर मार्गदर्शन किया गया। सेवानिवृत्त प्रमुख न्यायाधीश श्रीमती बी.पी. ठाकरे व श्रीमती माया दाहिर बतौर न्यायाधीश थे। इनके अलावा एड श्रीमती सुलु गायकवाड, श्रीमती ईरा ख्रिस्ती, श्रीमती एस.एन. गाजरे, विवाह समपुदेशक कु.के. एम. मंहतारे आदि पैनल में मौजूद थे। इससे पहले हुए राष्ट्रीय लोक अदालत अंतर्गत 106 मामलों की काउंसलिंग की गई। जिसमें 20 मामलों ने कोर्ट-कचहरी से दूरी बनाकर पति-पत्नी ने आपसी समझौता कर एक दूसरे को अपना लिया है।

Created On :   8 Feb 2020 6:40 PM IST

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