रोहा, पेन और आप्टा बने मध्य रेल के ग्रीन स्टेशन, सोलर एनर्जी से पूरी होंगी जरूरतें 

Railway is focusing on gradual green energy requirements
रोहा, पेन और आप्टा बने मध्य रेल के ग्रीन स्टेशन, सोलर एनर्जी से पूरी होंगी जरूरतें 
रोहा, पेन और आप्टा बने मध्य रेल के ग्रीन स्टेशन, सोलर एनर्जी से पूरी होंगी जरूरतें 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ऊर्जा की खपत कम करने के लिए पहले ही स्टेशनों और सेवा भवनों में एलईडी लाइट लगा चुकी मध्य रेलवे अब धीरे-धीरे हरित ऊर्जा के जरिए जरूरतें पूरी करने पर जोर दे रही है। इसी के तहत मध्य रेलवे के तीन और स्टेशनों रोहा, पेन और आप्टा ग्रीन स्टेशन बन गए हैं। इस स्टेशनों की ऊर्जा जरूरतें अब सौर ऊर्जा और पवनचक्की के जरिए पूरी की जाएंगी। इससे रेलवे सालाना करीब नौ लाख रुपए की बचत कर सकेगी। मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुनील उदासी ने बताया कि ऊर्जा संरभण भारतीय रेलवे का मिशन है। इसी के तहत ऊर्जा की बचत और हरित ऊर्जा पर जोर दिया जा रहा है। इससे पहले आसनगांव, जुम्मापट्टी, वाटर पाइप, अमनलॉज, माथेरान को हरित स्टेशनों में बदला जा चुका है। अब इसमें तीन और स्टेशनों के नाम जुड़ गए हैं। उदासी ने बताया कि रोहा स्टेशन में रोजाना करीब 65-80 किलोवाट बिजली पैदा करने वाले 15 किलोवाटपीक सौर ऊर्जा पैनल हैं। पहले स्टेशन पर 21 किलोवाट बिजली लगती थी लेकिन अब इसे घटाकर 11.81 किलोवाट तक लाया गया है। इस स्टेशन पर सालाना 3.54 लाख रुपए की बचत होगी। इसी तरह पेन स्टेशन पर 5 किलोवाटपीक सौर ऊर्जा पैनल और 7.2 किलोवाटपीक सौर व पवनचक्की है। इससे रोजाना 60-70 किलोवाट बिजली रोजाना पैदा होगी और सालाना 2.19 लाख की बचत होगी। इसी तरह आप्टा रेलवे स्टेशन पर 25-30 किलोवाट बिजली पैदा करने वाले 5 किलोवाटपीक सौर ऊर्जा पैनल लगाए गए हैं। यहां भी सालाना 3.26 लाख रुपए की बचत होगी। तीनों स्टेशनों पर बिजली बचाने वाले उपकरणों के इस्तेमाल के चलते पहले ही खपत 80 फीसदी कम की जा चुकी है। तीनों स्टेशनों में पर सोलार वाटर कूलर भी लगाए गए हैं।

Created On :   13 Jan 2019 2:01 PM GMT

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