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"रेलकर्मियों ने बनाया ऑटोमेटिक सैनिटाइजेशन बॉक्स'
डिजिटल डेस्क, नागपुर। मध्य रेल नागपुर मंडल ने सैनिटाइज करने वाला एक उपकरण तैयार किया है। इसे दुर्घटना राहत गाड़ी (ईआरटी) अजनी के कर्मचारियों ने बनाया है। उपकरण का नाम "हैंड्स फ्री ऑटोमेटिक अल्ट्रावॉयलेट सैनिटाइजेशन बॉक्स" रखा गया है। इस बॉक्स में कर्मचारी कार्य के पहले और बाद में अपनी सेफ्टी किट को सैनिटाइज कर सकते हैं।
इस सिद्धांत पर किया कार्य
इस उपकरण को "सी" टाइप की अल्ट्रावायलेट किरणों के सिद्धांत पर बनाया है, जिसकी वेवलेंग्थ करीब 254 नैनोमीटर या 2537 अगस्टोर्म और फ्रीक्वेंसी 1183.5 टेरा हर्ट्ज़ की होगी। इससे सभी तरह के बैक्टीरिया, वायरस, मोल्ड तथा सभी तरह के माइक्रो ऑर्गनिजम को कुछ ही पलों में 99.99 प्रतिशत तक नष्ट किया जा सकता है।
बेकार की चीजों से बनाया
इस उपकरण में ज्यादातर बेकार पड़ी चीजों और दूसरे विभागों के उपलब्ध सामान का उपयोग किया गया है। लकड़ी के अनुपयोगी बॉक्स को कैबिनेट में बदलकर अंदर की ओर आईनों का प्रयोग किया गया है, जिससे यह अल्ट्रावायलेट किरणें समान रूप से प्रतिबिंबित होकर उपयुक्त ऊर्जा प्रदान कर सकें। इसमें पोलैंड में निर्मित 11 वॉट की फिलिप्स जर्मीसाइड UV-C दो ट्यूब का प्रयोग किया गया है। साथ ही हैंड्स फ्री सेंसर, 60 सेकंड का इलेक्ट्रॉनिक प्रीसेट टाइमर, ऑटो कट ऑफ स्विच, बजर तथा सुरक्षा के लिए लिमिट स्विच लगाया गया है। मैकेनिकल टाइमर को भी विकल्प के रूप में जोड़ा गया है। यह ऑटोमेटिक या मैन्युअल दोनों ही मोड में कार्य कर सकता है।
इनका है योगदान
यह उपकरण दुर्घटना राहत गाड़ी (ईआरटी) टीम ने केवल 1800 रुपए की लागत से बनाया है। इसका बाजार मूल्य करीब 35 हजार रुपए से भी ज्यादा होगा। उपकरण को मंडल रेल प्रबंधक सोमेश कुमार के नेतृत्व में वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता अखिलेश चौबे के मार्गदर्शन में बनाया गया है। इसे बनाने में वरिष्ठ अनुभाग अभियंता अजींक्य राजपूत, सी. टेक्नीशियन मुकेश मंडल, असिस्टेंट सुनील भादे, सी. टेक्नीशियन गणेश रामदीन, असिस्टेंट नीलेश कुमार ने कार्य किया है।
Created On :   25 July 2020 10:04 AM GMT