रबी फसलों से लगी आस को धूमिल कर गई बारिश और ओलावृष्टि 

Rain and hailstorm tarnished the hopes of Rabi crops
रबी फसलों से लगी आस को धूमिल कर गई बारिश और ओलावृष्टि 
मौसम की मार रबी फसलों से लगी आस को धूमिल कर गई बारिश और ओलावृष्टि 

डिजिटल डेस्क, अमरावती ।  अमरावती जिले के किसानों को 15 दिनों में चार बार आसमानी आफत से दो-चार होना पड़ा है। पिछले तीन दिनों से एक बार फिर से अमरावती शहर सहित संपूर्ण जिले में ओलावृष्टि के साथ ही बारिश की उपस्थिति देखी जा रही है। बेमौसम बारिश के कारण जिलेभर में रबी की फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। कई स्थानों पर पूरी तरह तैयार हो चुकी फसलें तबाह हो गई हैं। जिला कृषि विभाग के अनुसार पिछले तीन दिनों की बारिश से अब तक करीब साढ़े 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फैली फसल का नुकसान हुआ है। नुकसानग्रस्त होने वाली फसल में चना, गेहूं और संतरे का समावेश है। शनिवार 8 जनवरी से अमरावती जिले में ओलावृष्टि और बारिश की उपस्थिति देखी जा रही है।

खरीफ के दौरान कपास और साेयाबीन उत्पादक किसान अतिवृष्टि का शिकार हुए थे। उस समय करीब 40 प्रतिशत फसले बर्बाद हो गई थी। जिसके बाद रबी की फसलों से किसान उम्मीद लगाए हुए थे। किंतु एक बार फिर से खेत में लहलहाती फसलों के लिए बारिश और ओलावृष्टि काल साबित हुई है। इस वर्ष जिले में कुल 1 लाख 94 हजार हेक्टेयर क्षेत्र मंे फसलों की बुआई की गई थी। जिसमें 1 लाख 9 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में चना, जबकि करीब 64 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की फसल उगाई गई है। जबकि 74 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में फैले संतरे के बागीचे हैं। 

जिला कृषि विभाग के मुताबिक सबसे अधिक नुकसान गेहूं उत्पादक किसानों को हुआ है। अब तक किए गए पंचनामे के अनुसार साढ़े 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की बर्बाद हुई फसल में गेहूं की हिस्सेदारी 5 हजार 800 हेक्टेयर क्षेत्र बताई गई है। जबकि चने की फसलों का नुकसान 2700 हेक्टेयर क्षेत्र बताया गया है। नुकसानग्रस्त फसलों के इस आंकड़े में तुअर और मूंगफली जैसी फसलों को शामिल नहीं किया गया है। जानकारी के अनुसार साढ़े 400 हेक्टेयर क्षेत्र में तुअर की फसल बर्बाद हुई है। 

अंबिया बहार के संतरे हुए बर्बाद 
पिछले कुछ दिनों से जारी बारिश के कारण अंबिया बहार के संतरों को काफी नुकसान हुआ है। मौसम में नमी के चलते पेड़ों पर लगे संतरे रंग बदलने लगे हैं। कई स्थानों पर फफूंदी की समस्या भी देखी जा रही है। बारिश और ओलावृष्टि से पेड़ों पर लगे संतरे दागदार हो गए हैं। जबकि दर्यापुर, अंजनगांव सुर्जी, मोर्शी, वरुड़ और नांदगांव खंडेश्वर तहसील में कई सारे बागीचों में समय से पहले ही अविकसित संतरे पेड़ों से टूटकर गिरने लगे हैं। कृषि विभाग को अब तक मिली शिकायतों के अनुसार 2300 हेक्टेयर क्षेत्र में संतरा फसल बर्बाद हुई है। यह बारिश से हुए नुकसान का अंतिम आंकड़ा नहीं है। अब भी पंचनामा करने की प्रक्रिया चल रही है। 
 

Created On :   11 Jan 2022 6:52 PM IST

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