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जेल में बंद युवक पर रायसेन पुलिस ने दर्ज कर लिया अपहरण और दुष्कर्म का प्रकरण
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान खुलासा हुआ कि रायसेन पुलिस ने जिस युवक के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज किया, उस दिन वह युवक विदिशा जेल में बंद था। जस्टिस मोहम्मद फहीम अनवर की एकल पीठ ने इस मामले में पुलिस को एक सप्ताह में केस डायरी पेश करने का आदेश दिया है।
8 जनवरी का है मामला
अभियोजन के अनुसार 8 जनवरी 2019 को एक व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि 7 एवं 8 जनवरी की दरम्यानी रात से उसकी नाबालिग बेटी लापता है। विदिशा के सिरोंज में रहने वाले मुस्लिम खान नामक युवक ने उसकी बेटी का अपहरण किया है। किशोरी के बयान के आधार पर पुलिस ने मुस्लिम खान के खिलाफ अपहरण और दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज किया गया। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता नरेन्द्र निखारे ने बताया कि 7 जनवरी को आवेदक के खिलाफ आफताब खान की रिपोर्ट पर धारा 326, 294, 506 का प्रकरण दर्ज किया गया था। विदिशा पुलिस ने आवेदक को 7 जनवरी की सुबह 9 बजे गिरफ्तार कर लिया था। उसी दिन विदिशा सीजेएम ने आवेदक की जमानत निरस्त कर जेल भेज दिया था। 25 जनवरी को आवेदक की जमानत हुई। 28 जनवरी को जेल से रिहा होते ही बेगमगंज पुलिस ने आवेदक को गिरफ्तार कर लिया। आवेदक के अधिवक्ता ने एकल पीठ के समक्ष एफआईआर, गिरफ्तारी और जमानत निरस्त होने का आदेश भी पेश किया। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने पुलिस को एक सप्ताह के भीतर केस डायरी पेश करने का आदेश दिया है।
कोलगवां टीआई के खिलाफ जमानती वारंट
हाईकोर्ट ने आदेश के बाद भी केस डायरी लेकर हाजिर नहीं होने पर सतना के कोलगवां टीआई के खिलाफ दो हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है। जस्टिस राजीव दुबे की एकल पीठ ने कोलगवां टीआई को 30 अप्रैल को कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है। सतना जिले के जैतवारा निवासी हरकेश सिंह और विपिन सिंह की ओर से आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि वे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी है। उनके खिलाफ श्यामलाल डोहरा ने जातीय तौर पर प्रताडि़त करने और रिश्वत मांगने की शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में कोलगवां पुलिस ने उनके खिलाफ एससीएसटी एक्ट और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले में सतना की एससीएसटी की विशेष न्यायालय द्वारा उनकी जमानत खारिज की जा चुकी है। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में आपराधिक पुनरीक्षण याचिका दायर की गई। 16 अप्रैल 2019 को एकल पीठ ने कोलगवां टीआई को आदेशित किया कि अगली सुनवाई के दौरान केस डायरी पेश करें या फिर उन्हें कोर्ट में हाजिर होकर स्पष्टीकरण देना होगा। मंगलवार को न तो केस डायरी पेश की गई, न ही टीआई स्वयं हाजिर हुए। इसे गंभीरता से लेते हुए एकल पीठ ने टीआई के खिलाफ दो हजार रुपए का जमानती वारंट जारी किया है।
Created On :   24 April 2019 9:15 AM GMT